इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दूषित पानी पीने से आठ लोगों की मौत हो गई है। जबकि 100 से अधिक लोग डायरिया और डिहाइड्रेशन के कारण अस्पतालों में भर्ती हैं। स्थानीय निवासियों का दावा है कि मौतों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। प्रशासन की शुरुआती जांच में पानी की पाइपलाइन में लीकेज और उसके ऊपर बने शौचालय को इस त्रासदी की मुख्य वजह माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता और मुफ्त इलाज का ऐलान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इलाके के 2,703 घरों का सर्वे किया और लगभग 12,000 लोगों की जांच की। गंभीर हालत वाले 111 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 25 दिसंबर से ही इलाके के लोगों ने नगर निगम द्वारा सप्लाई किए जा रहे 'नर्मदा जल' के स्वाद और गंध में बदलाव की शिकायत की थी। पानी पीने के कुछ ही घंटों बाद लोगों को उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन की शिकायत होने लगी। परिजनों का कहना है कि पानी का स्वाद कड़वा था, जिससे शक है कि इसमें सीवर का पानी या अत्यधिक प्यूरीफाइड केमिकल मिल गए थे।
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव और मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने घटनास्थल का दौरा किया, जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई। भागीरथपुरा में मुख्य वाटर सप्लाई पाइपलाइन में लीकेज पाया गया। सबसे गंभीर बात यह है कि इस लीकेज वाले हिस्से के ठीक ऊपर एक टॉयलेट बना दिया गया था, जिससे गंदगी सीधे पीने के पानी में मिल रही थी। मेयर ने खुद सवाल उठाया कि इस इलाके में नई पाइपलाइन बिछाने का टेंडर महीनों पहले जारी हो चुका था, तो काम शुरू होने में देरी क्यों हुई? उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।
इस त्रासदी ने मध्य प्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मेयर और निगम आयुक्त पर 'गैर इरादतन हत्या' का केस दर्ज करने की मांग की। पटवारी ने कहा, 'यह केवल डायरिया नहीं है, ऐसा लगता है जैसे पानी में कोई जहरीला पदार्थ मिल गया हो। भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार में शहर की हालत दयनीय हो गई है।'
बहरहाल, शासन ने अब तक सिर्फ तीन मौतों की ही आधिकारिक पुष्टि की है। इनमें नंदराम (70), उर्मिला (60) और ताराबाई कोरी (70) शामिल हैं। बताया गया है कि इन तीनों की मौत डायरिया से हुई है। अभी अलग-अलग अस्पतालों में 111 लोग भर्ती हैं। क्षेत्र में दहशत का माहौल है। जिन 3 अन्य लोगों की मौत हुई है, उनमें गोमती रावत (50), उमा कोरी (31), संतोष बिगोलिया शामिल हैं। दोनों भाऊ गली, भागीरथपुरा की रहने वाली थीं। गोमती रावत की मौत 26 दिसंबर को हुई थी। इससे पहले मंगलवार को नंदलाल पाल (75), उर्मिला यादव (69), उमा कोरी (31), मंजुला पति दिगंबर (74) और सीमा प्रजापत (50) की मौत की जानकारी भी सामने आई थी।