बैतूल। बैतूल के ज़िला अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामना आया है। अस्पताल में नवजात बच्चों की मृत्यु के बाद उनके शव को अस्पताल के परिसर में ही दफना दिया जा रहा है। इस बात की गवाही अस्पताल परिसर में जगह जगह खुदे हुए गड्ढे दे रहे हैं। एक स्थानीय अख़बार ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले एक महीने के दौरान अस्पताल परिसर में कुल चार नवजात बच्चों को दफनाया गया है। 

इस पूरे घटनाक्रम में चौंकाने वाली बात यह भी है कि मृत बच्चों को उनके परिजनों की सहमति के बाद ही अस्पताल परिसर में दफनाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नवजात बच्चों की मौत होने के बाद परिजन अस्पताल प्रबंधन से मिलीभगत करके बच्चों को रात में परिसर में ही दफना देते हैं। चूंकि परिजनों के पास नवजात बच्चों को श्मशान ले जाने की व्यवस्था नहीं होती या वे मृत बच्चे को अपने घर लेकर नहीं जाना चाहते, लिहाज़ा अस्पताल परिसर में ही ऐसा किया जा रहा है। 

बैतूल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन अशोक बारांगा का कहना है कि अस्पताल परिसर में ऐसा किए जाने की जानकारी उन्हें नहीं थी। बरंगा के अनुसार परिजनों को जब अस्पताल प्रबन्धन नवजात बच्चों के शव सुपुर्द करता है, उस समय ही परिजनों को बच्चे के शव को श्मशान लेकर जाने के लिए कहा जाता है। हालांकि बारंगा ने यह भी कहा है कि जो कोई भी व्यक्ति या कर्मचारी बच्चों के शव को अस्पताल में ही दफनाने में शामिल है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।