भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने भिंड कलेक्टर का बीती रात ट्रांसफर कर दिया। भिंड कलेक्टर वीरेंद्र सिंह रावत का ट्रांसफर इंदौर में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में कर दिया गया है। रावत वहां पर सह आयुक्त के पद पर पदस्थ किए गए हैं। जबकि भिंड में उनकी जगह लेने के लिए लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण के संचालक सतीश कुमार एस को भेजा गया है।
भिंड कलेक्टर के अचानक ट्रांसफर पर कई सवाल उठ रहे हैं। वीरेंद्र सिंह रावत का ट्रांसफर किए जाने को लेकर सबसे ज़्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि भाजपा के एक नेता की चक्की पर कार्रवाई करने के बाद यह कार्रवाई की गई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी नेता के खिलाफ कार्रवाई करने का अंजाम ही उन्हें भुगतना पड़ा है।
दरअसल बुधवार को गोहद में ज़िला खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल को भाजपा के पूर्व महामंत्री कपिल जैन की चक्की पर सैंपलिंग की कार्रवाई करने के लिए भेजा गया था। कार्रवाई के दौरान रीना बंसल की कपिल जैन के भाई और भाजपा के मंडल अध्यक्ष विवेक जैन से बहस हो गई थी। जबकि बीजेपी महिला मोर्चा की ज़िला अध्यक्ष सीमा शर्मा भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी से उलझ गई थीं। अब चूंकि इस कार्रवाई के ठीक दो दिन बाद ही भिंड कलेक्टर का ट्रांसफर किया गया है, ऐसे में वीरेंद्र सिंह रावत के ट्रांसफर को इस घटना से जोड़कर देखा जाना लाज़मी है।
दूसरी तरफ भिंड कलेक्टर की रवानगी करने के पीछे कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि सीएम हेल्पलाइन में ज़िले का खराब प्रदर्शन सबसे बड़ा कारण है। भिंड में वीरेंद्र सिंह रावत पिछले एक साल से पदस्थ हैं। रावत के भिंड जाने से पहले बीते हर चुनाव के दौरान क्षेत्र में हिंसा की खबरें आती थीं। लेकिन इस मर्तबा जब गोहद और मेहगांव में शांतिपूर्ण उपचुनाव हुए, उसमें भिंड कलेक्टर के काम को काफी सराहा गया है।