भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोरोना जाँच पर सवाल उठाने वाले डॉ राजन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। क्राइम ब्रांच ने गुरुवार दोपहर को राजन सिंह को राजधानी स्थित जेके अस्पताल से गिरफ्तार किया। राजन सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री के खिलाफ मिथ्या जानकारी फैलाने के आरोप में भोपाल क्राइम ब्रांच में मंगलवार शाम को एफआईआर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। राजन सिंह मध्य प्रदेश कुपोषण निर्वाण समिति का पूर्व अध्यक्ष है।



मुख्यमंत्री रहते हुए एक भी अस्पताल नहीं बनाया 

हाल ही में डॉक्टर राजन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि प्रदेश की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था की बानगी यह है कि मुख्यमंत्री को निजी अस्पताल में उपचार कराना पड़ रहा है। राजन सिंह ने चिरायु अस्पताल में अपना उपचार करा रहे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा था कि शिवराज 16 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे लेकिन आज जब वे कोरोना से संक्रमित हैं तो उन्हें अपने उपचार के लिए निजी अस्पताल का रुख करना पड़ा है। जो कि इस बात का प्रमाण है कि शिवराज ने अपने लंबे कार्यकाल के दौरान एक भी ढंग का अस्पताल नहीं बनाया। राजन सिंह ने अपने वीडियो में यह भी दावा किया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जान को खतरा है। 



कोरोना रिपोर्ट मेडिकल काउंसिल के नियमों का उल्लंघन करती है

इसके अलावा राजन सिंह ने चिरायु अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन के हवाले से यह आरोप लगाया था कि शिवराज सिंह चौहान को कोरोना होने की पुष्टि करने वाले रिपोर्ट में रिपोर्ट नंबर तक नहीं लिखा गया है जो कि इंडियन मेडिकल काउंसिल के नियमों का साफ तौर पर उल्लंघन है।



आलोकतांत्रिक है एफआईआर : विवेक तंखा 



राजन सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही क्राइम ब्रांच में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। राजन सिंह के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने आईपीसी की धारा 500, 501, 505(2), 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।





 



 



कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने इसे आलोकतांत्रिक बताते हुए कहा था कि शासन का बड़ा दिल होना चाहिए।उसे आलोचना से क्रोधित नहीं होना चाहिए।