भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के कुलपति दीपक तिवारी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा विश्वविद्यालय महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने सुधार कार्यों से चर्चा में आए तिवारी पर भाजपा सरकार बनते ही इस्‍तीफा देने के लिए दबाव डाला जा रहा था। अंतत: तिवारी ने मुख्‍यमंत्री को इस्‍तीफा भेज दिया।
गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद दीपक तिवारी को 24 फरवरी 2019 में पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था। उन्होंने जगदीश उपासने की जगह ली थी, जिन्होंने भाजपा की सरकार जाने के बाद कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया था। तिवारी ने कुलपति बनने के बाद माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में परिवर्तन का दौर शुरू किया था। उन्‍होंने वरिष्‍ठ पत्रकारों को विश्‍वविद्यालय से जोड़ते हुए यहां के पाठ्यक्रम में सुधार की कवायद की थी। इन कदमों के कारण उनका कार्यकाल चर्चा और विवादों में रहा। 

तिवारी के त्‍यागपत्र के बाद विश्‍वविद्यालय प्रशासन ने कुलसचिव दीपेंद्र सिंह बघेल को भी हटा दिया है। उनकी जगह भाजपा सरकार के दौरान कुलसचिव रहे प्रो. संजय द्विवेदी का फिर से कुलसचिव बनाया गया है। कुलपति तिवारी के कार्यकाल में नियुक्‍त एडजंक्‍ट प्रोफेसर वरिष्‍ठ पत्रकार अरूण कुमार और विष्‍णु राजगढि़या की सेवाएं भी समाप्‍त कर दी गई हैं।

प्रेस की स्‍वतंत्रता का पक्षधर रहूंगा : तिवारी

अपने त्‍यागपत्र के बाद वरिष्‍ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने विश्‍वविद्यालय के अपने साथियों और विद्यार्थियों के नाम एक पत्र लिखा है। तिवारी ने लिखा है कि उनका कार्यकाल काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। एक पत्रकार का अकादमिक प्रबंधक के रूप में कार्य करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। पत्रकार के रूप में अपने अनुभव और समझ के अनुसार मैंने पत्रकारिता की शिक्षा को श्रेष्‍ठता प्रदान करने का सर्वोत्‍त्‍म प्रयत्‍न किया है। मैं भारतीय संविधान की विचारधारा और प्रेस की स्‍वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्ध रहूंगा।