ग्वालियर। बीजेपी के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की गाड़ी पहचानने में चंबल पुलिस चकमा खा गई। इसका असर ये हुआ कि पुलिस के 14 जवानों को सस्पेंड कर दिया गया। फॉलो वाहन न मिलने के कारण राजनेताओं की सुरक्षा में हुई इस तरह की चूक को लेकर पहली बार मध्यप्रदेश में इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार को वैक्सीनेशन महाअभियान में शामिल होने के लिए बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कल रात सड़क मार्ग से दिल्ली से ग्वालियर आ रहे थे। इस दौरान सिंधिया को लगातार हर जिले में पुलिस पायलटिंग और फॉलो वाहन मिल रहा था। सिंधिया का वाहन जब मुरैना की सीमा में प्रवेश किया तो वहां की पायलटिंग टीम ने सिंधिया के आगे चलना शुरू किया। 

इस दौरान पुरानी छावनी के निरावली पॉइंट से कुछ दूर पहले मुरैना की पुलिस को सिंधिया की कार जैसी दूसरी कार ओवरटेक करके निकल गई। अब पुलिस यह समझ बैठी की इसी कार में सिंधिया सवार हैं। इसके बाद मुरैना पुलिस जिसे सिंधिया का वाहन समझ रही थी उसे ही ग्वालियर पुलिस भी पायलटिंग करने लगी। हालांकि, थोड़े देर बाद ग्वालियर पुलिस को यह पता चल गया कि वे गलत गाड़ी को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। उधर सिंधिया का वाहन काफी आगे निकल चुका था। 

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हालांकि, गनीमत ये रही कि TI हजीरा आलोक सिंह परिहार ने थाने के सामने से सिंधिया की कार को बिना पायलट वाहन के साथ देख लिया जिसके बाद वे अपनी गाड़ी के साथ उनकी सुरक्षा में जुट गए। ऐसे में सिंधिया निरावली से हजीरा IIITM तक लगभग 7 किलोमीटर बिना फॉलो वाहन के आए। बताया जा रहा है कि बावजूद इस थोड़ी सी गलती के महाराज ने इसपर सख्त आपत्ति जताई, नतीजतन 14 जवानों को इस चूक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। 

राजनेताओं के काफिले के साथ इस तरह की घटनाएं आम हैं, हालांकि सिंधिया के केस में ऐसा नहीं हुआ और यह शायद मध्यप्रदेश में पहली बार हुआ है जब पायलट वाहन के भटकने मात्र से 14 जवानों को सस्पेंड कर दिया गया हो।