भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। सताधारी दल बीजेपी घोषणापत्र बनाने के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुझाव पेटी लेकर जाने वाली है, ताकि जनता का सुझाव लिया जा सके। इसपर कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को सुझाव पेटी की जगह सुलझाव पेटी लानी चाहिए।



कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'सुना है भाजपा अपने घोषणापत्र के लिए विधानसभाओं में ‘सुझाव पेटी’ लेकर जा रही है। जनता सुझाव देने की जगह भाजपा से ये ‘सवाल’ पूछेगी कि सौदेबाजी कर आपने जनता की चुनी सरकार को क्यों गिराया मतलब हमारे ‘चुनाव-सुझाव’ के रूप में चुनी हुई सरकार को क्यों गिराया और ये भी कि कितने में गिराया, और ख़र्चा किया हुआ पैसा फिर कहाँ-कहाँ से कमाया?'



कमलनाथ ने आगे लिखा कि, 'जनता भाजपा को कुछ सुझाव तो ये देगी कि : 

- देश को और न बाँटें

- नफ़रत और डर फैलाने का एजेंडा बंद करें

- महिलाओं का अब और अपमान न करें

- नौकरी-परीक्षा के घोटालों से जन्मी बेरोज़गारी से युवाओं को बचाएँ

- ग़रीबों, किसानों, मज़दूरों का शोषण रोकें

- काम-कारोबार व विकास को भ्रष्ट नीतियों से न मारें

- आदिवासियों-दलितों का उत्पीड़न-शोषण न करें

- मुनाफ़ाख़ोरों से कमीशन खाकर महंगाई न बढ़ाएँ 

- मप्र को भाजपाई भ्रष्टाचार का मॉडल न बनाएँ ।"





कमलनाथ ने आगे लिखा कि, "आज जब जनता का भाजपा पर ही विश्वास नहीं रहा है तो उसके घोषणापत्र पर क्या होगा। भाजपा को ‘सुझाव पेटी’ की जगह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सुलझाव पेटी’ लानी चाहिए, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि लोगों को फ़ालतू के मुद्दों में उलझाये रखने – गुमराह करने में ही वो अपनी राजनीतिक सफलता मानती है।"



पीसीसी चीफ ने सत्ताधारी दल को नसीहत देते हुए कहा, "भाजपा याद रखे, न काठ की हांडी बार-बार चढ़ती है, न ‘भेड़िया आया-भेड़िया आया’ की कहानी हर बार चलती है।" उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का घोषणापत्र हर बार जुमलों का झुनझुना साबित होता है।