भोपाल। राजधानी में एक बेरोजगार युवक को पुलिस की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 1.5 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। शातिर बदमाश खुद को आर्मी ऑफिसर बताता था, सोशल मीडिया प्रोफाइल में उसने खुद को कर्नल बताया था। भोपाल की साइबर क्राइम पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

10वीं पास मास्टर माइंड अपने दोस्त के साथ मिलकर लोगों को सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देता था। आरोपी ने लोगों के गुमराह करने के लिए अपनी फेसबुक की डीपी में आर्मी ऑफिसर की तस्वीर लगा रखी थी। बदमाश से भोपाल निवासी एक बेरोजगार युवक का संपर्क फेसबुक पर हुआ। दोनों ने एक दूसरे के मोबाइल नंबर एक्सचेंज किए। फिर ठग ने उससे दोस्ती बढ़ाई और अपना रौब झाड़ा, बेरोजगार की नौकरी सेना में लगवाने का झांसा देकर डेढ़ लाख रुपए ऐंठ लिए।

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आरोपी ने अपनी गैंग के साथियों के साथ मिलकर उसकी ऑनलाइन परीक्षा भी ली जिसमें उसे पास बताकर जल्द से जल्द पोस्टिंग देने की बात कही। जब फरियादी युवक की पोस्टिंग नहीं हुई, बार-बार उसे तारीखें मिलने लगीं, तब उसे अपने ठगे जाने का शक हुआ। जिसके बाद उसने भोपाल पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। मामला दर्ज कर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से 80 हजार रुपए बरामद हुए हैं।

 एक आरोपी की पहचान मंडला निवासी अनिल विश्वकर्मा और दूसरे की सिवनी निवासी दौलत सिंह अहिरवार के रूप में हुई है। 10वीं पास अनिल की मदद उसका दोस्त दौलत अहिरवार करता था। वह फेसबुक पर बेरोजगार युवकों प्रोफाइल की जानकारी देता था। जिसके बाद आर्मी अफसर बनकर अनिल शिकार को अपने शिकंजे में लेकर उससे नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूलता था।