ग्वालियर। ग्वालियर नगर निगम के सिटी प्लानर को रिश्वत लेना उस वक्त भारी पड़ गया जब उसे आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा एंटी माफिया मुहिम का खौफ दिखाकर रिश्वत लेता था। उसने बिल्डर धर्मेंद्र भारद्वाज से 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई करते हुए प्रदीप वर्मा को 5 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के मुताबिक, प्रदीप वर्मा को सिटी प्लानर के पद से हटा दिया गया है। ग्वालियर नगर निगम आयुक्त ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि नगर निगम के सिटी प्लानर इंजीनियर प्रदीप वर्मा ने दो माह पहले थाटीपुर पानी की टंकी के पास सुरेश नगर डुप्लेक्स पर बुलडोजर लगा दिया था। तुड़ाई के डर से सहमें बिल्डर धर्मेंद्र भारद्वाज ने सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा से बात की तो तुड़ाई रूकवाने के एवज में पचास लाख रुपये मांग की गई।

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बिल्डर ने बताया कि उसने प्रदीप वर्मा को दो महिने पहले 10 लाख रुपये दिए हैं। इसके बाद वह कोरोना संक्रमित हो गया। स्वस्थ होने के बाद वर्मा उस पर 40 लाख रुपये देने के लिए दबाव बना रहा था। इतनी राशि देने में असमर्थता जताने पर 25 लाख रुपये में मामला तय हुआ। उसने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज करा दी थी।

शनिवार को सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा रिश्वत लेने के लिए कार में एसपी बंगला बालाजी गार्डन के पास आया था। बिल्डर वहां पांच लाख रुपये लेकर पहुंचा था। कार में जैसे ही प्रदीप वर्मा ने बिल्डर से रिश्वत ली ईओडब्ल्यू ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बता दें, प्रदीप वर्मा की गिरफ्तारी के बाद एक ईओडब्ल्यू की टीम उसके घर भी पहुंची। उसकी संपत्ति की जांच की जा रही है।