भोपाल। मध्य प्रदेश में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। नए कृषि कानून के विरोध में कांग्रेसी सड़क पर उतरे और भारत बंद का समर्थन किया। इंदौर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने छावनी अनाज मंडी में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इस मौके पर दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार की नीतियों पर करारा हमला करते हुए कहा कि़ ‘ये सूट बूट वाली सरकार बिना किसी चर्चा के काले कानून लेकर आई है। नोट बंदी में इसी सरकार ने गरीबों को लाइन में लगाया। उन्हें 500 का नोट 350 से 400 रुपये में और 1000 का नोट 700 से 800 रुपये में बेचना पड़ा। जीएसटी लागू होने पर छोटे व्यापारी परेशान हो गए। उसके बाद ये सरकार बिना किसी चर्चा के किसानों और मजदूरों के खिलाफ काला कानून ले आई। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार को आगे और मौका मिला तो वो राशन की दुकानें भी बंद कर देगी।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत को अपने सहयोगी संगठन भारतीय किसान संघ से कहना चाहिए कि वो भी किसानों के समर्थन में आगे आए। उन्होंने कहा कि ये सरकार सिर्फ किसानों ही नहीं बल्कि मजदूरों और हम्मालों के साथ भी धोखा कर रही है। अब कोई ट्रेड यूनियन एसडीएम साहब की मर्जी से ही रजिस्टर हो सकेगी।

और पढ़ें: रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द किया, कई का रूट बदला, यहां देखिए पूरी लिस्ट

इस दौरान दिग्विजय सिंह के साथ सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, विनय बाकलीवाल भी मौजूद थे। दिग्विजय सिंह ने मंडी के भीतर जाकर हम्मालों और तुलाई करने वालों से भी बात की। आज छावनी कांग्रेस ने किसान कानून वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।

और पढ़ें: किसानों से चोरी, अरबपतियों की थैली भरना बंद करो, मोदी सरकार पर राहुल, प्रियंका का बड़ा हमला

वहीं भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अरुण यादव की मौजूदगी में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में विवाद की स्थित बन गई। वहीं भोपाल के बोर्ड ऑफ‍िस चौराहे पर सिख समुदाय ने झंडे-बैनर लेकर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने की कोशिश की। सिख समुदाय के लोग किसानों के समर्थन में रैली निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद उन्‍हें बोर्ड ऑफ‍िस से ज्‍योति टॉकीज चौराहे तक ही रैली की इजाजत दी।