उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार वर्षीय वयस्क मादा बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वन विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि बाघिन ने आपसी संघर्ष में अपनी जान गवाई है। हालांकि यह स्थिति क्यों निर्मित हुई वन विभाग ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है। बाघिन का शव मानपुर रेंज अंतर्गत पटेहरा बीट के पीएफ 641 के चरपरिया हार के पास संदिग्ध हालत में मिला। 

मानपुर वन रेंजर मुकेश अहिरवार ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्यों से आशंका है कि इनकी बाघों की आपस में लड़ाई हुई जिसमें बाघिन की मौत हो गई। बता दें बीते एक साल में बांधवगढ़ में 8 बाघों की मौत हो चुकी है जिसमें से 3 बाघों की मौत इसी एक महीने के अंदर हुई है। 

गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जब भी किसी  बाघ की मौत होती है तो पार्क प्रबंधन के हमेशा इसे आपसी संघर्ष में हुई मौत बताता है। जबकि एक्सपर्ट का कहना है कि मादा बाघ के ऊपर नर बाघ हमला नहीं करता है। वहीं पार्क प्रबंधन 24 घंटे गश्ती के दावे करता है, ऐसी घटना से वन विभाग की गश्ती पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि बाघिन की मौत का असली कारण क्या है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पता चलेगा।

बता दें पिछले महीने जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे अधिक 785 बाघों की संख्या मध्य प्रदेश में है। अकेले बांधव गढ़ टाइगर रिजर्व में 150 से ज्यादा हैं। लेकिन यहां पर हो लगातार हो रही बाघों की मौत ने प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।