भोपाल। डेढ़ महीने के इंतज़ार और कई दौर के पत्राचार के बाद आखिरकार एक पूर्व सीएम को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मिलने का वक्त मिल गया है। दिग्विजय सिंह को सीएम ने 21 जनवरी सुबह 11 बजे मुलाकात के लिए वक्त दिया है। दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले सीएम आवास के बाहर धरना देने का अल्टीमेटम दिया था, क्योंकि उनके मुताबिक मुख्यमंत्री उन्हें कई कोशिशों के बाद भी सुनवाई का वक्त नहीं दे रहे थे।

दरअसल दिग्विजय सिंह गुना, राजगढ़, भोपाल और विदिशा के लगभग एक हज़ार परिवारों की समस्याओं को लेकर सीएम से मुलाकात करना चाहते हैं। ये परिवार टेम और पार्वती नदी पर बन रहे डैम से विस्थापित हो रहे हैं। सरकार ने इनकी जमीनों का अधिग्रहण कर लिया है। लेकिन किसानों की शिकायत है कि उन्हें सरकार की तरफ से जमीन का मुआवज़ा नहीं दिया जा रहा है। परेशान किसानों ने दिग्विजय सिंह से इस मामले में उनकी लड़ाई लड़ने की गुहार की है।

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विस्थापितों में ज्यादातर दिग्विजय सिंह के गृह जिले के किसान हैं। खासकर राजगढ़ और भोपाल संसदीय क्षेत्रों से दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ चुके हैं।  भोपाल और विदिशा के बीच टेम नदी पर बन रहे बांध से पीड़ित किसान अपनी जमीन का उचित मुआवज़ा न मिलने से परेशान हैं। उनकी मांग है कि मकान, कुंआ, ट्यूबवेल, पाइप, फलदार वृक्ष आदि का सर्वेक्षण कर सरकार उन्हें उचित मुआवज़ा दे। जबकि पार्वती बांध से डूब क्षेत्र के लोग पुनर्सर्वेक्षण की मांग पर अड़े हैं। उनका आरोप है कि सरकार जरूरत से ज्यादा जमीनों का अधिग्रहण कर रही है। अव्वल तो वो बांध के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन अगर सरकार फिर भी जरूरी मानती है तो उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अंतर्गत मुआवज़ा और पुर्नवास दिया जाए।

दिग्विजय सिंह किसानों की इन्हीं मांगों को लेकर सरकार से दरियादिली की दरख्वास्त करना चाहते हैं। सीएम ने मुलाकात का वक्त जरूर दिया है लेकिन सरकार का अगला कदम इस मुलाकात से निकली राह पर ही तय होगा।