भोपाल। हिंदू-मुस्लिम के डीएनए को लेकर आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। राज्यसभा सांसद ने कहा है कि मोहन भागवत और असद्दुदीन ओवैसी का भी डीएनए एक है। सिंह ने यह भी पूछा है कि यदि हिंदू-मुसलमानों का डीएनए एक है तो धर्म परिवर्तन कानून और लव जिहाद कानून की क्या आवश्यकता है? 





दिग्विजय सिंह ने मोहन भागवत और ओवैसी को कल ही एक सिक्के के दो पहलू करार दिया था। उन्होंने एक पोस्टर जारी कर कहा था कि कुछ हिंदुओ के ठेकेदार हैं, कुछ मुसलमानों के ठेकेदार हैं। असल में दोनों एक दूसरे के मददगार हैं।' 





दरअसल, मोहन भागवत बीते हफ्ते गाजियाबाद में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा की, 'सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। हिन्दू-मुस्लिम अलग नहीं हैं, सब एक ही हैं। पूजा करने के तौर-तरीकों के आधार पर भेद नहीं किया जा सकता। हम एक लोकतंत्र में हैं। यहां हिन्दुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है।'



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इतना ही नहीं कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वालों को हिंदुत्व के खिलाफ करार दिया है। संघ प्रमुख ने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई हिंदू ये कहता है कि मुस्लिमों का यहां नहीं रहना चाहिए तो वो शख्स हिंदू नहीं है।