भोपाल। दिग्विजय सिंह के धरने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर बैकफुट पर आ गए हैं। सीएम चौहान ने सिंह को मिलने का फिर से समय दे दिया है। सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनीष रस्तोगी से टेलीफोनिक बातचीत के बाद कांग्रेस नेता ने अपना धरना भी समाप्त कर दिया। हालांकि, धरना समाप्ति से पहले दिग्विजय सिंह ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार यदि अपॉइंटमेंट कैंसिल हुआ तो चार जिलों में सरकारी मशीनों को हम घुसने नहीं देंगे।



राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने लाउडस्पीकर पर मीडिया के सामने सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से टेलीफोनिक बातचीत की। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने रस्तोगी से कहा कि मैं 17 दिसंबर से टाइम मांग रहा हूं। इसपर रस्तोगी कहते हैं कि सर ने 23 जनवरी को पौने 12 बजे का समय दिया है। इसपर सिंह कहते हैं कि इसबार यदि कैंसिल हुआ तो हम उठने वाले नहीं, बता दे रहे हैं। आप गोली चलाओगे तो गोली सहेंगे। मैं भी मुख्यमंत्री रहा हूं, तुमने मेरे साथ काम किया है, मैने हफ्ते भर पहले समय दिया है। रस्तोगी कहते हैं कि सर भी ऐसा ही करते हैं। 





सिंह ने रस्तोगी को कहा कि आपके सर ऐसा नहीं करते यही तो दिक्कत है, इसीलिए तो हमलोग धरने पर बैठे हुए हैं। रस्तोगी से बातचीत के बाद दिग्विजय सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, 'इस बार अगर हमारे साथ धोखा हुआ, किसानों के साथ धोखा हुआ तो फिर आप समझ लीजिए। अब यहां धरना नहीं होगा, हम चारों जिले के गांवों में मशीनें घुसने नहीं देंगे।' सिंह ने बताया कि सीएम से मिलने के लिए वे अकेले नहीं जाएंगे बल्कि एक डेलिगेशन जाएगा। 



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बता दें की दिग्विजय सिंह टेम और सुठोलिया बांध के कारण डूब प्रभावित किसानों की समस्या लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं। सिंह डेढ़ महीने से सीएम से समय मांग रहे हैं। इसके बाद जब उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी तो मुख्यमंत्री ऑफिस ने अपॉइंटमेंट फिक्स किया। हैरानी की बात ये है कि एक दिन पहले अचानक सीएमओ ने अपॉइंटमेंट निरस्त कर दिया। सीएम के इस रवैये से आहत दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री आवास पर धरने के ऐलान किया था। हालांकि, शुक्रवार सुबह पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया। बहरहाल, अब देखने यह होगा कि 23 जनवरी को सीएम शिवराज पूर्व सीएम के साथ आए पीड़ित किसानों के लिए समय निकाल पाते हैं या नहीं।