उज्जैन। जहरीली शराब के मामले में चल रही पूछताछ के दौरान सायबर और क्राइम ब्रांच की सांठगांठ का भी खुलासा हुआ है। जहरीली शराब का कारखाना चलाने वाला नगर निगम का बर्खास्त कर्मचारी सिकंदर अभी पुलिस रिमांड में है। पूछताछ के दौरान उसने खाराकुआ और महाकाल थाने के पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के बारे में जानकारी दी है।

सिकंदर से पूछताछ में रोज नई जानकारियां सामने आ रही हैं। सिकंदर ने अब साइबर और क्राइम ब्रांच वाले पुलिस कर्मियों का भी नाम लिया है। उसने बताया कि हर महीने वह क्राइम ब्रांच और साइबर वालों को भी पैसे देता था। वे छत्री चौक पर आते थे और वह उन्हें एक एक हजार रूपए हर महीने दिया करता था।

एडिशनल एसपी अमरीन सिंह चौहान ने कहा है कि जो भी जानकारियां सामने आ रही हैं। उस पर ढंग से पड़ताल की जा रही है। अन्य संदिग्ध पुलिसकर्मी भी कड़ी कार्यवाही से नहीं बच पाएंगे। हमने एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। उसने हमें शराब बनाने की पूरी विधि और उसके सप्लाई के बारे में जानकारी दी है। जहरीली शराब का धंधा अच्छा चल पड़ा था। मांग ज्यादा थी इसलिए उन्होंने इसमें केमिकल और टेबलेट का उपयोग करना शुरू कर दिया था।

गौरतलब है कि बीते दिनों उज्जैन में जहरीली शराब पीने से  16 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जांच के लिए एक एसआईटी बनाई थी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इसकी जांच के लिए अलग जांच कमेटी बनाई थी। इस मामले में अब तक कुछ पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है। कई ठिकानों पर छापेमारी कर कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तार किए गए कुछ संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अभी तक हुए खुलासों में यह साफ हुआ है कि यह काम पुलिस की जानकारी में धड़ल्ले से चल रहा था।