भोपाल। विधानसभा चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) का गठबंधन हो गया है। दोनों पार्टियों के सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर भी सहमति बन गई है। प्रदेश में बसपा 178 और गोंगपा 52 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चुनावी साल में मध्यप्रदेश की राजनीति में ये पहला गठबंधन है। इस गठबंधन के जरिए 22 प्रतिशत आदिवासी और 16 प्रतिशत दलित वोटों पर सेंध लगाने की कोशिश है।

बहुजन समाज पार्टी से राज्य सभा सदस्य रामजी गौतम का कहना है कि प्रदेश में 22 प्रतिशत आदिवासी और 16 प्रतिशत दलित हैं। यह सभी पहले अलग-अलग थे, लेकिन अब यह सब एकसाथ हैं। मध्य प्रदेश से पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भी बसपा और गोंगपा का गठबंधन हो चुका है। यहां 90 सीटों में से 41 फीसदी सीटों पर गोंगपा चुनाव लड़ेगी। यानी 53 सीटों पर बसपा और 37 सीटों पर गोंगपा अपने उम्मीदवार उतारेगी।

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बसपा के राज्य सभा सदस्य रामजी गौतम ने कहा कि चुनावी गठबंधन के बाद मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनना तय है। वे सरकार बनने की स्थिति में यूपी में सरकार रहने के दौरान पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा लागू किए गए विकास फार्मूले के आधार पर सरकार चलाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों द्वारा दलितों और आदिवासियों पर किए गए अत्याचार को इस चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष पिप्पल ने कहा कि इस गठबंधन के बाद प्रदेश की राजनीति में भारी उलटफेर होना तय है।

बता दें कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दलित और आदिवासी मतदाता सभी दलों के टारगेट पर हैं। पिछले चुनाव में आदिवासी सीटों पर कांग्रेस को बड़ा फायदा हुआ था। भाजपा जहां आदिवासी वर्ग को लुभाने की लगातार कोशिशें कर रही है तो कांग्रेस के नेता आदिवासियों में कांग्रेस का डीएनए बता रहे हैं। इस बीच विधानसभा चुनाव में दमखम दिखाने के लिए मध्य प्रदेश में बसपा ने राजनैतिक गठजोड़ कर लिया है। माना जा रहा है कि इस गठबंधन से राजनैतिक समीकरण भी बदल जाएंगे।