भोपाल। अगर, आपके मोबाइल पर बिजली बिल भरने संबंधी टेक्स्ट और वॉट्सएप मैसेज आ रहे हैं। इसमें भुगतान नहीं करने पर घरेलू कनेक्शन काटने की बात कही जा रही है तो सावधान हो जाएं। आपका बैंक एकाउंट खाली हो सकता है। भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए साइबर अपराधियों ने यह नया तरीका निकाला है। अधिकारियों ने लोगों को इनके झांसे में न आने की सलाह दी है। 

दरअसल, केबीसी, लॉटरी, लकी ड्रॉ, एटीएम और खाता बंद होने के झांसों से देश के लोग अब लोग सतर्क हो गए हैं। इस तरह के मैसेज और संदेश का लोगों ने जवाब देना छोड़ दिया है। ऐसे में साइबर ठगों अब नया हथकंडा अपनाया जा रहा है, जो लोगों को सच लगे और ठगी का उनका काम जारी रहे। ठगबाजों ने लोगों को ठगने के लिए अब बिजली कंपनी को हथियार बनाया है।

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मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के मोबाइल पर इन दिनों बिजली बिल नहीं भरने और कनेक्शन कटने जैसे फर्जी संदेश भेजे जा रहे हैं। बिजली उपभोक्ता इस तरह के संदेश से परेशान हो रहे हैं। कई लोगों को बिल जमा होने के बाद भी बकाया होने का मैसेज भेजा जा रहा है। ठगबाज उपभोक्ताओं को एक नंबर देकर इस पर बात करने और बात न करने पर कनेक्शन काटने की धमकी देते हैं। 

अधिकारियों ने इस तरह के मैसेज को लेकर ग्राहकों को सतर्क किया है। अधिकारियों के मुताबिक इस तरह कंपनी संदेश नहीं भेजती, ग्राहकों को सावधान रहने की जरूरत है, यह फर्जी संदेश है, उपभोक्ता इनको अनदेखा करें। मध्य प्रदेश के इटारसी के शहर प्रबंधक अधिकारी ढेलन पटेल के मुताबिक, 'हमारे पास रोज 30 से 35 कॉल उपभोक्ताओं के फोन आ रहे हैं। वे बिजली बिल संबंधी मैसेज का सत्यता जानना चाहते हैं। पिछले एक महीने से इस तरह के कॉल आ रहे हैं। हमने सभी को बताया है कि इस तरह के मैसेज को इग्नोर करें। विभाग द्वारा किसी को मैसेज नहीं भेजा जा रहा है। ये साइबर क्रिमिनल्स का ट्रैप है।'

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राजधानी भोपाल में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां मैसेज भेजकर ये कहा जाता है कि आपने बिजली बिल पिछले 2 महीने से नहीं भरा है, आज ही तत्काल बिल भरें। अगर बिल नहीं भरते हैं तो रात 9.30 बजे बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
गर्मी के दिनों में यदि बिजली कट जाए तो लोगों की हालत खराब हो जाती है। इसी बात का फायदा धोखेबाज लोग उठा रहे हैं। बिजली न कट जाए इस खौफ में ठग की तरफ से बताई गई बातों को उपभोक्ता फॉलो करता है और ठगी का शिकार हो जाता है। 

ठग मोबाइल नंबर पर फोन लगाने पर सर्विस आईडी मांगते है। इसके बाद चेकिंग के नाम पर एक मिनट तक फोन होल्ड पर रखा जाता है। इस दौरान मोबाइल में रिमोट शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करवाया जाता है। इसके बाद मोबाइल का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया जाता है। कनेक्शन कटने से बचने के लिए उपभोक्ताओं को बेहद मामूली रुपये तुरंत ट्रांसफर करने को कहा जाता है। इस दौरान ठग पीड़ित की तरफ से डाले गए ओटीपी और कार्ड नंबर को रिमोट शेयरिंग एप्लीकेशन से नोटकर लेता है। इसके बाद उसी के मोबाइल के एक्सेस से अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं। इससे बचने के लिए आवश्यक है की किसी भी थर्ड पार्टी ऐप को न डाउनलोड करें और न ही इस तरह के कॉल और मैसेज को एंटरटेन करें।