सतना। मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत से अन्नदाता किसान परेशान हैं। आलम ये है कि खेत में खड़ी फसल को छोड़कर किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात लाइनों में लगना पड़ रहा है। इसके बाद भी उन्हें खाद नसीब नहीं हो रही। इसे लेकर जगह-जगह प्रदर्शन भी रहे हैं। खाद संकट को लेकर कांग्रेस के एक नेता ने सीएम मोहन यादव को खून से खत लिखा है।

किसान कांग्रेस के बुंदेलखंड प्रभारी और मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश सचिव आशुतोष द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को यह पत्र खून से लिखा है। द्विवेदी ने सिरिंज से खून निकलवाकर अपने लेटरपैड पर पत्र लिखा और मझगवां तहसीलदार को सौंपा। उन्होंने पत्र में सवाल उठाया है कि जब सरकार प्रदेश में पर्याप्त खाद होने का दावा करती है, तो किसानों तक इसका वितरण नहीं हो रहा है।

द्विवेदी ने पत्र में लिखा है कि सतना जिले में खाद का हाहाकार मचा हुआ है। किसान सुबह से शाम तक खाद केंद्रों के बाहर लंबी कतारों में खड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सफेदपोश नेता और उनके समर्थक प्रशासनिक, कर्मचारियों की मदद से भारी मात्रा में खाद गाड़ियों में भरकर ले जा रहे हैं। जबकि गरीब और जरूरतमंद किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि जिले में यूरिया और डीएपी के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। किसान सुबह से लाइन में लगते हैं। शाम तक भी उन्हें खाद नहीं मिल पाती। महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में लेकर घंटों लाइन में खड़ी रहती हैं। सरकारी गोदामों और समितियों में खाद की आपूर्ति है। फिर भी जरूरतमंद किसानों तक यह नहीं पहुंच रही है। खरीफ सीजन की फसलें खाद के अभाव में प्रभावित हो रही हैं।

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि समाधान नहीं होने पर कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। द्विवेदी ने प्रशासन से सवाल किया है कि वितरण स्तर पर गड़बड़ी कहां हो रही है? किसान नेता ने कहा कि मैं अपने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से अपील कर रहा हूं कि वह सतना जिले में खाद की किल्लत पर ध्यान दें। यह सिर्फ एक पत्र नहीं बल्कि किसानों का दर्द और उनका आक्रोश है।