सिवनी। हवाला के पैसों की लूट में शामिल पुलिसकर्मियों पर अब कानून का शिकंजा कस गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज किया और एसडीओपी पूजा पांडे समेत कुल 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, 6 आरोपी अब तक फरार चल रहे हैं। 

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बयान दिया कि “वर्दी पहनने का अर्थ यह नहीं कि कानून से ऊपर हैं। जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।” मामले की जांच में पुलिस ने अब तक ढाई करोड़ रुपये से अधिक की रकम बरामद कर ली है। इस मामले में पुलिस ने अब तक एसडीओपी पूजा पांडे, SI अर्पित भैरम, आरक्षक योगेंद्र चौरसिया, नीरज राजपूत और जगदीश यादव को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि प्रधान आरक्षक माखन, राजेश जंघेला, रविंद्र उइके, आरक्षक रितेश वर्मा, SAF आरक्षक केदार और सुभाष सदाफल अभी भी फरार हैं।

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इसके अलावा इस घोटाले से जुड़ी कड़ी महाराष्ट्र तक पहुंची है जहां नागपुर से दो कारोबारी, आकाश जैन और अमन गुरनानी को गिरफ्तार किया गया। उनसे क्रमशः एक करोड़ और 25 लाख रुपये बरामद हुए हैं। इससे पहले तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जबलपुर में जारी है।

क्या है पूरा मामला?
घटना 8 अक्टूबर 2025 की रात की है जब सिलादेही के जंगल क्षेत्र में बंडोल थाना प्रभारी और एसडीओपी पूजा पांडे की टीम ने चेकिंग अभियान के दौरान एक चारपहिया वाहन को रोका था। जानकारी के अनुसार, वाहन में करीब तीन करोड़ रुपये की हवाला रकम ले जाई जा रही थी। आरोप है कि नकदी जब्त करने के बजाय पुलिस टीम ने ड्राइवर से मारपीट की, उसे भगा दिया और रकम को अपने कब्जे में लेकर आपस में बांट ली।

पूरा मामला तब उजागर हुआ जब गाड़ी चालक और पैसा भेजने वाले व्यापारी सोहन परमार ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। व्यापारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने रकम को हड़प लिया और केवल कुछ हिस्सा ही लौटाया। जांच में यह भी सामने आया कि पुलिस दल ने इस कार्रवाई की कोई आधिकारिक सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी और न ही रकम को जब्ती के रूप में दर्ज किया।

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शिकायत के बाद मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा। इसके बाद पुलिस महानिरीक्षक (IG) प्रमोद वर्मा ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आयुष गुप्ता को जांच का जिम्मा सौंपा। आयुष गुप्ता की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि पुलिसकर्मियों ने हवाला की रकम में गड़बड़ी की थी और रकम को बांट लिया था। 

रिपोर्ट के आधार पर सिवनी एसपी सुनील कुमार मेहता ने बंडोल थाना प्रभारी उपनिरीक्षक अर्पित भैरम, हेड कांस्टेबल माखन और रविंद्र उइके, कांस्टेबल जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, रितेश (ड्राइवर), नीरज राजपूत, केदार और सदाफल सहित कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। इसके बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने 10 अक्टूबर को एसडीओपी पूजा पांडे को निलंबित करने का आदेश जारी किया था।