जेल का नाम सुनते ही कोर्ट में औंधे मुंह गिरे भाजपा नेता, डॉक्टर से की थी मारपीट, अब खुद बने पेशेंट

मध्य प्रदेश के रायसेन में डॉक्टर से मारपीट के मामले में कोर्ट ने दो भाजपा नेताओं के खिलाफ जेल वारंट जारी किया। वारंट सुनते ही दोनों कोर्ट में बेहोश हो गए। पुलिस ने उन्हें अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दोनों पूरी तरह फिट हैं।

Publish: Oct 14, 2025, 01:54 PM IST

रायसेन। सोमवार को रायसेन जिले में ऐसा सियासी ड्रामा देखने को मिला जिसने सभी को चौंका दिया। गैरतगंज नगर परिषद अध्यक्ष जिनेश कुमार जैन और भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष संजय जैन (उर्फ जिनेश सिंघई) के खिलाफ जब अदालत ने जेल वारंट जारी किया तो दोनों नेता अचानक कोर्ट में ही बेहोश होकर गिर पड़े। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने दोनों को तत्काल कस्टडी में लेकर रायसेन जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।

कोर्ट से अस्पताल तक अफरा-तफरी
कोर्ट परिसर में अचानक दोनों नेताओं के गिरने से अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने तत्काल दोनों को गैरतगंज अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रायसेन जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि दोनों तबियत पूरी तरह सामान्य है। हालांकि, एहतियात के तौर पर 24 घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

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इस पूरे घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारे में गर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जेल जाने से बचने के लिए बीमार पड़ने का नाटक कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सत्ता के दबाव में कानून व्यवस्था कमजोर हो गई है तभी इतने महीनों से कार्रवाई नहीं हो सकी है। वहीं, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दोनों नेताओं के खिलाफ अदालत के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। भाजपा नेताओं के कोर्ट में बेहोश होने की यह घटना अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन चुकी है। लोग इसे “जेल वारंट से डर का नतीजा” और “राजनीतिक ड्रामा” कहकर तंज कस रहे हैं।

किस मामले में मिली सजा?
यह मामला बीते 15 जून 2025 का है, जब गैरतगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में बीएमओ डॉ. अर्निस्ट लाल के साथ मारपीट की गई थी। आरोप है कि एक मरीज को इलाज न मिलने को लेकर दोनों भाजपा नेता नाराज हो गए थे। बताया गया कि उन्होंने पहले डॉक्टर को फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव न करने पर दोनों अस्पताल पहुंच गए और वहीं डॉक्टर से बहस करते हुए हाथापाई कर बैठे।

इसके बाद स्थिति बिगड़ गई और डॉक्टर ने थाने में शरण लेकर अपनी जान बचाई। लेकिन यहां भी मामला शांत नहीं हुआ। डॉक्टर के अनुसार, भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों ने थाने में हंगामा किया और जब डॉक्टर थाने से बाहर निकले तो उन्हें फिर पीटा गया।

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चार महीने तक खुलेआम घूमते रहे आरोपी
इस घटना के बाद पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट और अन्य धाराओं में दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोपियों पर बीएनएस की धारा 121/1, 296, 351/3, 3/5, 3/4 और 132 के तहत मामला दर्ज किया गया। लेकिन राजनीतिक दबदबे के चलते गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस ने उस समय कहा था कि भाजपा नेताओं की ओर से भी एक आवेदन मिला है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। चार महीने तक दोनों आरोपी भाजपा नेता आराम से खुलेआम घूमते रहे लेकिन सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब जेल वारंट जारी हुआ।