इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में MPPSC के स्टूडेंट्स द्वारा अपनी मांगों को लेकर शहर में कई दिनों तक प्रदर्शन किया गया। सीएम मोहन यादव के आश्वासन के बाद छात्र धरने से उठे। लेकिन अब खबर आई है कि मामले में शहर के दो थानों में प्रदर्शनकारियों पर बिना अनुमति के भीड़ इकट्‌ठा करने और प्रदर्शन करने के मामले में एफआईआर की गई है। इस मामले में कोचिंग संचालकों सहित उन अभ्यर्थियों को भी आरोपी बनाया गया है जिन्हें सीएम मोहन यादव ने मिलने बुलाया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भंवरकुआ पुलिस ने एमपीपीएससी एग्जाम के मामले में विरोध प्रदर्शन करने वाले राधे जाट, रंजीत किशन वंशी, प्रशांत राजावत, गोपाल प्रजापति, अरविंद भदाैरिया, कुलदीप सरकार व अन्य पर केस दर्ज किया है। मामले में बताया गया कि सभी 18 दिसंबर को दीन दयाल गार्डन भोलाराम उस्ताद मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे थे।
जो छात्रों को इकट्‌ठा कर बिना अनुमति के यहां पहुंचे थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने नयापार कोचिंग के संचालक अरविंद भदौरिया, हिंद एकेडमी संचालक सुरेंद्र जादौन, आएएस कोचिंग संचालक, सत्यमेंव कोचिंग संचालक, कैंपस स्केअर कोचिंग संचालक, सिद्धी लायबेरी संचालक, सरस्वती लाइब्रेरी संचालक, रुचि वर्धन पाठशाला के संचालक पर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी करने को लेकर कार्रवाई की है।

वहीं संयोगितागंज पुलिस ने भी इसी मामले में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के राधे श्याम जाट, वहीं सभी कोचिंग संचालकों पर रेसीडेंसी एरिया में लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा कर धरना प्रदर्शन किए जाने के मामले में केस दर्ज किया है। सभी पर प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।

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पुलिस कार्रवाई को लेकर रंजीत किसानवंशी ने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है। एक तरफ हमें सीएम मोहन यादव ने बुलावा भेजा और सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। हम डेलीगेशन लेकर भोपाल पहुंचे, इधर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली। रंजीत के मुताबिक जब अभ्यर्थी सीएम के साथ उनके घर पर चर्चा कर रहे थे उसी वक्त उनके खिलाफ मुकदमा की जा रही थी।