आदिवासी आश्रमों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति का मामला, सरकारी फंड में हो रही हेराफेरी
जबलपुर जिले के ककरहटा और कटंगी स्थित आदिवासी आश्रमों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति दिखाकर सरकारी फंड में गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
जबलपुर| जिले के ककरहटा और कटंगी स्थित आदिवासी आश्रमों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति दिखाकर सरकारी फंड में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। यहां अधीक्षक बच्चों की संख्या बढ़ाकर फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं।
ककरहटा गांव में आदिवासी बच्चों के लिए खोले गए आश्रम पाठशाला का उद्देश्य 24 घंटे बच्चों की देखरेख और शिक्षा प्रदान करना था। लेकिन, निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि बच्चों की संख्या कागजों में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जा रही है। मौके पर कई बच्चे अनुपस्थित थे।
जब क्षेत्र के ककरहटा और कटंगी के आश्रमों का निरीक्षण किया तो पता चला कि ककरहटा आश्रम में 20 बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी, लेकिन केवल 7-8 बच्चे ही मौजूद थे। वहीं, कटंगी हॉस्टल में 27 बच्चों की उपस्थिति दिखाई गई, जबकि वास्तविक संख्या केवल 5 थी।
आश्रम के अधीक्षक अशोक उपाध्याय का दावा था कि बच्चे स्कूल या खेलने गए हैं। हालांकि, छात्रों ने स्वीकार किया कि अधिकांश नाम केवल रिकॉर्ड में दर्ज हैं और वे वास्तव में हॉस्टल में नहीं रहते।
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आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। यदि आरोप सही पाए गए तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य आदिवासी बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और गरीबी से बाहर निकालना है।