भोपाल। मध्यप्रदेश में पहाड़ों की बर्फबारी ने ठंड का असर कई गुना बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बर्फबारी से उठी उत्तरी हवाएं अब सीधे एमपी में दस्तक दे रही हैं। नतीजा यह है कि आधा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में रविवार को ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग ने सोमवार को 20 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।

रविवार को 10 से ज्यादा जिलों में कोल्ड डे जैसी स्थिति रही थी। भोपाल, इंदौर, आगर-मालवा, राजगढ़, सीहोर, देवास, उज्जैन, शाजापुर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, मऊगंज, सतना, पन्ना, मैहर, कटनी, जबलपुर, उमरिया और शहडोल में सोमवार को शीतलहर का प्रभाव रहने की संभावना है।

शनिवार और रविवार की रातें इस सीजन की सबसे ठंडी रहीं। भोपाल में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया था जो नवंबर में पिछले 10 साल का सबसे कम तापमान है। 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब राजधानी का पारा इतनी नीचे पहुंचा। वहीं, इंदौर में तापमान 7 डिग्री दर्ज किया गया। यह नवंबर महीने का पिछले 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ तापमान है। इससे पहले 1938 में इंदौर में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री दर्ज किया गया था जो अब तक का सबसे ठंडा नवंबर रहा था।

राजगढ़ में लगातार चौथी रात पारा सबसे नीचे रहा। जबकि, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में भी तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। उज्जैन में 10.5 डिग्री, ग्वालियर में 10.7 डिग्री और जबलपुर में 9.8 डिग्री रहा। प्रदेश के कई जिलों में पारा रिकॉर्ड स्तर तक लुढ़क गया था।तापमान सीहोर में 8.5 डिग्री, उमरिया में 9.5 डिग्री, मलाजखंड में 9.6 डिग्री और रीवा में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी, जो प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है वहां बाकी शहरों के मुकाबले ठंड कुछ कम रही और तापमान 15 डिग्री तक सीमित रहा था।

अन्य शहरों में भी ठंड का असर गहरा गया है। छिंदवाड़ा में 10, नौगांव में 10.5, मंडला में 10.6, बैतूल में 10.8, गुना, दमोह और शिवपुरी में 11, सागर में 11.5, धार में 11.6, टीकमगढ़ और सतना में 11.8, रतलाम में 12.2, दतिया में 12.5, श्योपुर में 12.6, खजुराहो में 13, खंडवा, सीधी और नरसिंहपुर में 13.4, नर्मदापुरम में 13.7 और खरगोन में 14.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी राज्यों में हो रही बर्फबारी के कारण वहां की ठंडी हवाएं सीधे मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रही हैं। इस वजह से राज्य के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। विभाग ने कहा है कि नवंबर की शुरुआत में ही ठंड का पहला दौर शुरू हो गया है तो आने वाले दिनों में यह और बढ़ सकती है। साथ ही अब कोहरा भी बढ़ेगा खासकर सुबह और देर रात के समय।

अब दिन के तापमान में भी गिरावट आने लगी है। रविवार को अधिकांश शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा था। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में पारा और गिरेगा जिससे दिन में भी ठिठुरन बढ़ेगी। पिछले एक दशक के आंकड़े बताते हैं कि नवंबर में ठंड के साथ बारिश का रुझान लगातार बना हुआ है। इस बार भी वैसा ही मौसम देखने को मिल रहा है। अक्टूबर में औसत से ज्यादा बारिश हुई थी। इस महीने सामान्य 1.3 इंच के मुकाबले 2.8 इंच पानी गिरा जो 121% अधिक है।

मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान लगाया था कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड तेजी से बढ़ेगी और फिलहाल यही हो रहा है। ग्वालियर-चंबल संभाग में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है क्योंकि वहां उत्तरी हवाओं का असर सीधा पड़ता है। ग्वालियर में नवंबर का ऐतिहासिक रिकॉर्ड 3 डिग्री (56 साल पहले) का है। जबकि, उज्जैन में यह रिकॉर्ड 2.3 डिग्री (52 साल पहले) दर्ज किया गया था।