भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनमोहन शाह बट्टी की मौत की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। कांग्रेस नेता कमल नाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि बट्टी के मौत की जांच उच्च स्तरीय समिति गठित कर अथवा सीबीआई को सौंपकर की जाए। 

सीएम को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ नेता ने कहा है कि अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अमरवाड़ा विधानसभा के पूर्व विधायक स्वर्गीय मनमोहन शाह बट्टी का निधन 2 अगस्त 2020 को हो गया था। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने हेतु मैं 24 अगस्त 2020 को उनके गृह ग्राम देवरी गया था। ग्राम में आदिवासी समाज के वरिष्ठजन एवं अन्य उपस्थित प्रबुद्धजनों द्वारा बट्टी की मृत्यु को संदेहास्पद बताया गया एवं शंकाओं के समाधान हेतु उनकी मृत्यु की जांच को अत्यावश्यक बताया गया।

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कमलनाथ ने आगे कहा कि, 'बट्टी आदिवासी समाज के लोकप्रिय एवं बड़े नेता थे। उनकी मृत्यु अप्रत्याशित रूप से हुई है। उनकी मृत्यु के कारण संपूर्ण आदिवासी समाज में संदेह एवं आक्रोश की स्थिति है। आदिवासी समाज के मानस में उपजे अविश्वास एवं शंका के समाधन हेतु यह आवश्यक है कि बट्टी की मृत्यु की विश्वसनीय एजेंसी के माध्यम से निष्पक्ष, विस्तृत एवं गहन जांच हो जिससे उनकी मृत्यु के स्पष्ट तथ्य सामने आ सकेंगे और आदिवासी समाज का विश्वास बना रहेगा।'

कौन हैं मनमोहन शाह बट्टी?

57 वर्षीय आदिवासी नेता बट्टी का जन्म 14 जून 1962 को अमरवाड़ा तहसील के हिर्री जमुनिया गांव में एक शिक्षक के घर में हुआ था। एमए तक पढ़ाई के बाद वह बालाघाट के बैहर में बतौर पंचायत इंस्पेक्टर नियुक्त किए गए थे। हालांकि उन्होंने बाद में नौकरी को तिलांजलि देकर आदिवासी समाज के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ लड़ाई को अपने जीवन का मकसद बना लिया। वह आदिवासियों को एकजुट करने में कामयाब रहे और गोंडवाना क्षेत्र के प्रमुख नेता के तौर पर प्रदेशभर में पहचान मिली। उन्होंने उस वक़्त देशभर में सुर्खियां बटोरी जब वे देवरी में रावण की प्रतिमा स्थापित करवाए। बट्टी का मौत राजधानी भोपाल के चिरायु अस्पताल में हार्ट-अटैक के कारण हुआ।