भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि स्टार प्रचारक कोई पद तो है नहीं, जिससे किसी को हटा दिया जाए। कमलनाथ ने ये बात चुनाव आयोग के उस फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कही है, जिसमें उन्हें कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने की आदेश दिया गया है।

कमलनाथ ने चुनाव आयोग के फैसले पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि  "स्टार प्रचारक कौन सा पद या पोजिशन है? चुनाव आयोग ने ना तो मुझे कोई नोटिस दिया था, ना ही मुझसे इस बारे में कुछ पूछा था। प्रचार अभियान के आखिरी दो दिन में चुनाव आयोग ने ऐसा क्यों किया, ये तो केवल उन्हीं को मालूम है।" 

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कमल नाथ ने न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं काफी समय तक लोकसभा का सदस्य रहा हूँ। लोकसभा  के एजेंडे में लिखा होता आइटम नंबर 1,2,3... लिहाज़ा मेरे दिमाग में वही चल रहा था। मैंने किसी के प्रति दुर्भावना या अपमानित करने के लिए ऐसा नहीं कहा था। मैंने तो यहाँ तक कहा कि अगर मेरे बयान से कोई अपमानित महसूस करता है तो मैं खेद व्यक्त करता हूँ। कमलनाथ ने कहा कि अगले महीने प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में लौट कर आएगी। 

आयोग ने अपनी ही गाइडलाइन का उल्लंघन किया : दिग्विजय सिंह 
कमल नाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि किसी नेता को स्टार प्रचारक बनाने का काम राजनीतिक दल का होता है, आयोग का नहीं। आयोग ने ऐसा फैसला लेकर अपनी ही गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और सिंधिया भी कमलनाथ के खिलाफ अमर्यादित और असंयमित भाषा का उपयोग करते हैं। लेकिन आयोग ने कभी उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की ?