शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक सनसनीखेज फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां एक युवक ने ग्वालियर पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी आदेश तैयार कर प्रतिबंधित 7 बीघा जमीन ऊंचे दामों में बेच दी। मामला सामने आने के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अब मामले की जांच जारी है।

घटना शिवपुरी जिले के नोहरी गांव की है जहां नीमच जिले का रहने वाला प्रेमशंकर पुत्र देवीलाल तावड़े जमीन का मालिक था। यह जमीन विक्रय के लिए वर्जित श्रेणी में आती थी और इसे बेचने के लिए कलेक्टर या कमिश्नर की अनुमति अनिवार्य थी। इसी अनुमति को हासिल करने के लिए प्रेमशंकर ने ग्वालियर पुलिस कमिश्नर के नाम से एक फर्जी आदेश तैयार करवाया जिसमें प्रतिबंधित जमीन की बिक्री की मंजूरी दर्शाई गई थी।

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इस फर्जी आदेश के आधार पर प्रेमशंकर ने अक्टूबर 2025 में एडवोकेट जितेंद्र पुत्र मोहनलाल गोयल से सौदा किया। एडवोकेट ने 10 अक्टूबर को लाखों रुपये देकर जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाई। रजिस्ट्री पूरी होने के बाद जब नामांतरण की प्रक्रिया तहसील कार्यालय में शुरू हुई तो दस्तावेजों की जांच के दौरान तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा को कमिश्नर के आदेश पर शक हुआ। आदेश की सत्यता की पड़ताल कराई गई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ग्वालियर पुलिस कमिश्नर कार्यालय से ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया था। इसके बाद उप पंजीयक आशुतोष दिनकर ने तत्काल पंजीयक कार्यालय शिवपुरी को जानकारी दी और पूरी रिपोर्ट कोतवाली पुलिस के पास भेजी। पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि प्रेमशंकर ने दस्तावेजों में कमिश्नर का नाम, सील और हस्ताक्षर तक नकली बनाए थे।

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कोतवाली पुलिस ने आरोपी प्रेमशंकर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल वह फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में कोई अन्य व्यक्ति या दलाल शामिल था या नहीं।