भोपाल। मध्य प्रदेश में मिलावटखोरों को उम्र कैद की सज़ा देने का प्रावधान किया जाएगा। शिवराज सरकार इसके लिए जल्द ही कानून में संशोधन करेगी। शिवराज सरकार ने इसके लिए कैबिनेट की बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित कर लिया है। अब सरकार जल्द ही इसके लिए एक संशोधन विधेयक लेकर आएगी। 

मध्य प्रदेश में बढ़ती मिलावटखोरी को दृष्टिगत रखते हुए शिवराज सरकार ने यह फैसला किया है। इससे पहले प्रदेश में मिलावटखोरी करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान था। मिलावटखोरों के खिलाफ सजा का नया प्रावधान कैबिनेट में पारित हो गया है। अब जल्द ही राज्य सरकार इसे विधानसभा में पारित करेगी। इसके लिए शिवराज सरकार दण्ड विधि अधिनियम (मध्य प्रदेश संशोधन 2021) विधानसभा में पेश करेगी। 

कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से कहा कि 'मिलावटखोरी से बड़ा कोई अपराध नहीं है। यह सीधे सीधे लोगों की ज़िंदगियों से जुड़ा हुआ मसला है।' मध्य प्रदेश में मिलावटखोरी करने पर पहले 6 महीने के दण्ड का प्रावधान था, जिसे बाद में बढ़ाकर 3 वर्ष कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पहले से ही मिलावटखोरी पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।

हालांकि कानून में सज़ा का प्रावधान सख्त किए जाने के बाद भी उस पर अमल की चुनौती तो बनी ही रहेगी। असली सवाल तो यही है कि मिलावटखोरों को सज़ा तभी मिल पाएगी जब उन्हें मुस्तैदी के साथ पकड़ा जाएगा और पक्के सबूत जुटाकर तेज़ी से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।