मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित मंडीदीप औद्योगिक शहर के 250 श्रमिक परिवारों ने वेतन न मिलने के कारण आत्मदाह करने का फैसला लिया है। इस बाबत श्रमिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की स्वीकृति देने की मांग की है। मजदूरों ने पत्र में लिखा है कि पिछले 8 महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिल पाया है वहीं लॉकडाउन के वजह से वे बाहर भी काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में श्रमिक परिवार भूखा मरने की स्थिति में आ गए हैं।

राजधानी भोपाल से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंडीदीप औधोगिक शहर में कार्यरत कर्मचारियों का आर्थिक हालत खस्ता हो गयी है। पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यू इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आरवीआर टेक्नोलॉजी कंपनी प्रबंधन ने अपने यहां कार्यरत तकरीबन 250 श्रमिकों को वेतन भुगतान किए बिना कंपनी में ताला जड़कर फरार हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधन से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक से गुहार लगा ली लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पाया। अंत में थक हारकर कर्मचारियों ने आत्मदाह करने का फैसला लिया जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति से पत्र लिखकर इच्छामृत्यु के लिए अनुमति मांगी है।

कंपनी ने बिजली पानी भी किया बंद

आरवीआर कंपनी के वर्कर्स क्वार्टर में तकरीबन 110 परिवार निवासरत हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रबंधन ने कंपनी बंद करने के साथ ही वर्कर्स क्वार्टर की बिजली और पानी के सप्लाई को भी बंद कर दिया है ऐसे में कर्मचारी अपने परिवारों के साथ पेड़ के छांव के नीचे जीवन का गुजारा करने पर विवश हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने इसलिए बिजली व पानी की सप्लाई बंद कर दी है ताकि सुविधाओं के अभाव में सारे श्रमिक यहां से चले जाएं जिससे हमारा हिसाब न करना पड़े और पूरे आठ महीनों का वेतन कंपनी रख ले। फिलहाल कंपनी के सारे श्रमिक परिवार अपना गुजर-बसर सामाजिक संस्थाओं और लोगों की मदद से कर रहे हैं।