भोपाल। मध्य प्रदेश के आलोट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को किसानों की पैरवी करना भारी पड़ गया है। विधानसभा के बजट सत्र में किसानों की बात रखकर मालवीय घिर गए हैं। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेज दिया है।
दरअसल, विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों की स्थायी अधिग्रहण को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने सदन में कहा था कि उज्जैन को गर्व है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उज्जैन से हैं। लेकिन, आज उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है। क्योंकि, सिंहस्थ के नाम पर उसकी जमीन पहले केवल 3-6 महीनों के लिए अधिग्रहित की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है।
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भाजपा विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा था कि पता नहीं किस अधिकारी ने यह विचार रखा है कि, स्पिरिचुअल सिटी (आध्यात्मिक नगरी) बनाएंगे। मैं बताना चाहता हूं कि स्प्रिचुअलिटी किसी सिटी में नहीं रहती है। वह तो त्याग करने वाले लोगों से होती है। हम क्रांक्रीट के भवन बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बना सकते। सिंहस्थ का मुख्य विचार ही तंबू में है। जिन्होंने सबकुछ त्याग दिया, संन्यास ग्रहण कर लिया उनके लिए आप भवन बना रहे हैं। ये तो गलत है।
मालवीय के इस बयान के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ गया था। केंद्रीय नेतृत्व तक मामले की जानकारी पहुंचने पर प्रदेश नेतृत्व की ओर से चिंतामणि मालवीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की ओर से जारी हुए इस नोटिस में लिखा गया है कि चिंतामणि मालवीय के ताजा बयानों और कृत्यों की वजह से पार्टी की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। विधायक मालवीय को 7 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया।
बता दें कि मध्य प्रदेश में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर है। राज्य सरकार सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण के लिए 2378 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी में है, इसके विरुद्ध किसानों ने मोर्चा खोल रखा है। 17 गांवों के किसान अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इन्हीं किसानों की मांग उठाना विधायक चिंतामणि मालवीय को भारी पड़ गया।