औद्योगिक विकास का कोई ब्लूप्रिंट नहीं, निवेश के नाम पर तमाशा कर रही BJP सरकार: कमलनाथ

इंदौर की 2023 की इन्वेस्टर्स समिट में 10 लाख रोज़गार देने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ख़ुद मान रही है कि सिर्फ़ 20, हज़ार रोज़गार दिए जा सके: कमलनाथ

Updated: Mar 24, 2025, 02:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकारें पिछले 20 वर्षों से निवेश के नाम पर तमाशा कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि 2023 की इन्वेस्टर्स समिट में 10 लाख रोज़गार देने का वादा किया गया था, लेकिन सिर्फ 20 हजार रोजगार का सृजन हो सका।

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार पर कविता के माध्यम से तंज कसते हुए लिखा, "बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए। काम बिगाड़े आपनो जग में होत हंसाए।" कमलनाथ ने एक्स पोस्ट में आगे लिखा, 'मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों की इन्वेस्टर्स समिट का यही हाल है। इंदौर में 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सरकार ने करोड़ों रुपया फूंक दिया और अब उद्योग विभाग स्वीकार कर रहा है कि उद्योगों को आवंटित 77 लाख वर्ग मीटर ज़मीन पर आज तक कोई काम शुरू नहीं किया गया।'

यह भी पढे़ं: जनसेवा के लिए नहीं, धनसेवा के लिए काम करती है BJP, कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में बोले दिग्विजय सिंह

कमलनाथ ने आगे लिखा, 'इंदौर की 2023 की इन्वेस्टर्स समिट में 10 लाख रोज़गार देने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ख़ुद मान रही है कि सिर्फ़ 20, हज़ार रोज़गार दिए जा सके। तीसरी बात निकलकर यह सामने आई कि मार्च 2024 में उज्जैन में जो रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव कराया गया उसमें अधिकांश निवेश प्रस्ताव वही आ गए जो पहले ही मार्च 2023 में इंदौर में आए थे। यह तो सिर्फ़ वर्ष 2023 की समिट का हाल है। भाजपा सरकार पिछले 20 साल से प्रदेश में औद्योगिक निवेश के नाम पर तमाशा कर रही हैं। पिछले महीने भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के नतीजे सामने आना अभी बाक़ी है।'

कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा, 'सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार के पास प्रदेश के औद्योगिक विकास का न तो कोई नक़्शा है, ना ब्लूप्रिंट है और ना आने वाले 10 साल के लिए कोई सुनियोजित प्लान है। इस तरह की दिशाहीन स्थिति में समिट या कॉन्क्लेव के नाम पर सरकारी पैसा ख़र्च कर इवेंट और विज्ञापन तो किए जा सकते हैं, लेकिन प्रदेश में उद्योग को आकर्षित नहीं किया जा सकता। जिस प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो और हर रोज़ घोटाले होते हों और सरकार झूठी घोषणा करती रहती हो वहाँ कोई औद्योगिक संस्था अपना उद्योग क्यों स्थापित करेगी?'

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा तमाशा नौजवानों से बेईमानी करने वाला है। 10, लाख रोज़गार का विज्ञापन जारी करके 20, हज़ार रोज़गार देना जनता से कितना बड़ा धोखा है। इसी धोखेबाज़ी की नीति के कारण मध्य प्रदेश दिन पर दिन कर्ज में डूबता जा रहा है और किसान, नौजवान, आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और सर्व समाज की आर्थिक अवनति हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि मध्य प्रदेश सरकार सच्चाई को स्वीकार करें और उन बुनियादी बदलाव के लिए तैयार रहें जिनसे वास्तव में प्रदेश में आर्थिक प्रगति आएगी।