भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की नीति के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य में किसी नक्सली के आमत्मसमर्पण पर राज्य सरकार उसे 5 लाख की तत्काल सहायता राशि देगी। इसके साथ ही उसे घर बनाने, जमीन खरीदने और व्यापार के लिए कुल 20 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। 

मध्यप्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास-सह-राहत नीति-2023 को 22 अगस्त को मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। अब गृह विभाग ने भी इस नीति के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके पहले नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर 1997 में लागू की गई नीति के तहत राहत और पुनर्वास की सुविधा मिलती थी। लेकिन अब नई नीति के तहत उन्हें जमीन/अचल संपत्ति खरीदने के लिए 20 लाख रुपए दिए जाएंगे। पांच लाख रुपए तत्काल आर्थिक सहायता दी जाएगी।

इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होंगी। इसके तहत जिन नक्सलियों के खिलाफ मामले दर्ज हैं और जो किसी बैन किए गए उग्रवादी संगठन के सदस्य होंगे उन्हें ही नक्सली माना जाएगा। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति को आत्मसमर्पण के संबंध में जांच के बाद आत्मसमर्पण के प्रस्ताव को 30 दिन में निर्णय करना होगा। इस समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, वन मंडलाधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक और राज्य ग्रामीण आजीविका के जिला परियोजना अधिकारी भी सदस्य रहेंगे।

आदेश में कहा गया है कि नक्सलियों को अपने हथियार सौंपने पर भी राज्य सरकार से अनुग्रह राशि मिलेगी। एलएमजी, जीपीएमजी, आरपीजी, स्नाइपर रायफल जैसे आधुनिक हथियार सौंपने पर साढ़े चार लाख, एके-47/56 और 74 जैसे हथियारों के सौंपने पर साढ़े तीन लाख रुपए मिलेंगे। ग्रेनेड, हैंड ग्रेनेट, स्टिक ग्रेनेड,आदि के लिए प्रति नग के हिसाब से रुपए दिए जाएंगे। नक्सलियों को मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए और आत्मसमर्पण के बाद यदि कोई नक्सली शादी करना चाहता है तो उसे 50 हजार रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे।

इसके साथ ही संपत्ति, व्यवसाय, के लिए कुल 20 लाख की राशि आत्मसमर्पणकर्ता को दिए जाएंगे। उनके आचरण और काबिलियत को देखकर एसपी उन्हें गुप्त सैनिक के पद पर भी पदस्थ कर सकते हैं। वहीं नक्सली के द्वारा किए गए जघन्य अपराधों के मामले में कोर्ट में कार्रवाई जारी रहेगी। वहीं कुछ छोटे और बहुत पहले के अपराधों के मामले में राज्यशासन माफी और सजा पर निर्णय कर सकता है।