नीमच जिले की जावद तहसील से विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरेंद्र कुमार सकलेचा के बेटे ओमप्रकाश सकलेचा को मंत्री बनाना मालवा के लिए चौंकाने वाला निर्णय है। बीजेपी के वरिष्‍ठतम नेताओं में से एक ओम प्रकाश सकलेचा का नाम हर बार ही मंत्री पद के दावेदारों में रहा है मगर जातीय और गुटीय समीकरणों के कारण वे पीछे छूटते गए। यहां तक कि पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के बेटे इस नाते मंत्री बना दिए गए मगर ओमप्रकाश सकलेचा को नीमच क्षेत्र की बीजेपी की राजनी‍ति के कारण हमेशा नजरअंदाज किया गया।

इस बार भी उनका नाम शुरू से मंत्री पद के दावेदारों में था मगर मंदसौर क्षेत्र से जगदीश देवड़ा और हरदीप सिंह डंग के नाम आगे होने के कारण उनका मंत्री बनना असंभव माना जा रहा था। अंत समय में रतलाम से चेतन्‍य काश्‍यप और उज्‍जैन से पारस जैन को छोड़ कर ओम प्रकाश सकलेचा को जगह दी गई। उनके चयन के पीछे आरएसएस की पसंद होना भी एक कारण है।

ओम प्रकाश सकलेचा ने संघ की विज्ञान भारती के लिए लंबे समय से काम किया है। एजुकेशन और पॉवर सेक्‍टर उनका पसंदीदा क्षेत्र है। नीमच को एमपी का कोटा बनाने के लिए उन्‍होंने काफी प्रयत्‍न किए हैं।