जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर से शिक्षा विभाग से जुड़ा एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां कोरोना काल में असमय मौत के मुंह में जाने के बाद भी शिक्षक ऑनलाइन क्लास लेते रहे। शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक ऐसे चार शिक्षक थे जो मौत के बाद भी ऑनलाइन कक्षा में शामिल होते रहे। 

मामला जबलपुर स्थित प्रगति शैक्षिक संस्थान की है। प्रांतीय शिक्षण महाविद्यालय में बीएड ट्रेनिंग में चार मृत शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे दी गई। इस दौरान सभी मृत शिक्षकों की हाजिरी भी लगी। इतना ही नहीं इसी आधार पर वेतन पत्र तक जारी हो गया। इस बात का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

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असल में, कोरोना काल में सभी बीएड शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही थी। ऑनलाइन प्रक्षिक्षण प्रांतीय शिक्षण महाविद्यालय में चल रहा था। यह प्रशिक्षण 16 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक चला। इस 1 महीने की ट्रेनिंग के दौरान देश में कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर था।

ऐसे में 4 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के चपेट में आने से मौत हो गई। स्वाभाविक है की मौत के बाद कोई ऑनलाइन ट्रेनिंग में शामिल नहीं हो सकता। लेकिन ऑनलाइन शिक्षण प्रक्षिक्षण में इन चारों मृत शिक्षकों की मौत के बाद भी प्रतिदिन हाजिरी लगती रही। साथ ही इनका वेतन पत्र तक बना दिया गया है। 

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मामले का जब खुलासा हुआ तो प्राचार्य आरके स्वर्णकार ने इसका पूरा ठीकरा कर्मचारियों पर फोड़ दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि विभागीय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में प्रचार की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। सवाल ये उठ रहे हैं कि चार शिक्षकों के उपस्थिति का मामला तो मौत के बाद सामने आ गया, लेकिन क्या अन्य लोगों की फर्जी हाजिरी नहीं लगाई गई होगी।