मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट से दो लोगों की मौत, अबतक सात मामले सामने आए

कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से मध्यप्रदेश में अबतक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, राज्य में अबतक इस वैरिएंट के सात मामले दर्ज किए गए हैं

Updated: Jun 25, 2021, 04:39 AM IST

Photo Courtesy: India Today
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भोपाल। भारत में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ते ही अब तीसरी लहर की आहट आने लगी है। देश में मिले नए कोविड-19 डेल्टा प्लस वैरिएंट ने हड़कंप मचा दिया है। माना जा रहा है कि यह वैरिएंट देश में संभावित तीसरी लहर का कारण बन सकता है। मध्यप्रदेश में यह वैरिएंट टेंशन देने लगा है। प्रदेश में इससे दो लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस खतरनाक वैरिएंट के राज्य में सात मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राहत की बात ये है कि वैक्सीन ले चुके डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित सभी मरीज़ सुरक्षित हैं।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक महिला की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। मौत के बाद मृतक का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजा गया था। जांच के बाद पता चला कि महिला की मौत डेल्टा प्लस वैरिएंट से हुई है। ऐसा ही मामला अशोकनगर से सामने आया है, जहां मृतक के सैंपल से पता चला कि वह डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित था।

राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अबतक सात मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन केस राजधानी भोपाल के हैं, 2 उज्जैन, एक रायसेन और एक अशोकनगर के हैं। इस वैरिएंट से संक्रमित बाकी के पांच लोग स्वस्थ हैं। इनमें तीन लोग वैक्सीन ले चुके हैं, जबकि दो ने वैक्सीन नहीं ली थी। खास बात यह है कि दोनों मृतकों ने वैक्सीन नहीं लिया था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस खतरनाक वैरिएंट से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन ही है।

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भारत सरकार ने इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) की लिस्ट में रखा है। यानी यह वैरिएंट देश के लिए चिंता का विषय है। इसी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस के चपेट में आने वाले हाई रिस्क राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल के लिए अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में ही इस खतरनाक वैरिएंट के ज्यादा मामले सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार अबतक 45 हजार सैंपल की टेस्टिंग हुई है, जिसमें 40 डेल्टा प्लस से संक्रमित थे।

कितना खतरनाक है डेल्टा प्लस वैरिएंट

डेल्टा प्लस वैरिएंट देशभर में दूसरी लहर में आंतक मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) का ही म्युटेटेड वर्जन है। इसी के पहले वाले वर्जन ने देश में लाखों लोगों की जान ली है। डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट के दुनिया में 205 मामले हैं, इसमें आधे से ज्‍यादा मामले अमेरिका और ब्रिटेन में हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलने वाला है। इतना ही नहीं यह फेफड़ों की सेल्स के रिसेप्टर्स को ज्यादा मजबूती से पकड़ता है।

जानकारों के मुताबिक कि इसपर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भी बेअसर साबित होती है। ऐसे में अब चिंता की बात ये है कि देश में अबतक महज 5 फीसदी से थोड़ी ज्यादा आबादी को ही वैक्सीन के दोनों डोज लगाए गए हैं। दूसरी लहर के दौरान ही देश ने जर्जर हेल्थ सेक्टर की सच्चाई देख ली थी। ऐसे में समय रहते अगर तैयारियां नहीं कि गई तो तीसरी लहर और भयावह होने की आशंका है।