देवास। पैसों के लिए इंसान किस हद तक जा सकता है, इसकी बानगी देवास में देखने को मिली, जहां एक करोड़ का बीमा क्लेम पाने के लिए एक शख्स ने खुद को कागजों में मृत घोषित करवा दिया। लेकिन उसका यह झूठ ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका। अर्ली क्लेम की वजह से बीमा कंपनी ने मामले की जांच की। शक के आधार पर पुलिस में शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को बाजार में घूमते गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने रविवार को आरोपी अब्दुल हनीफ और हनीफ की मौत के फर्जी पेपर्स बनाने वाले डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हनीफ की पत्नी और बेटे के खिलाफ भी धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। 

दरअसल आरोपी अब्दुल हनीफ पेशे से ड्राइवर है, उसने सितंबर 2019 में एक कंपनी से ऑनलाइन एक करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी ली थी। जिसकी दो किस्तें  जमा करने के बाद उसके मन में लालच आ गया। उसने अपने परिवार और एक डाक्टर की मदद से बीमे का क्लेम लेने का प्लान बनाया। आरोपी के बेटे और पत्नी ने डॉक्टर शाकिर मंसूरी की मदद से उसका फर्जी डेथ सर्टीफिकेट हासिल कर कंपनी में क्लेम के लिए लगा दिया।

अर्ली क्लेम की वजह से बीमा कंपनी ने शक के आधार पर जांच करवाई तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपी को बाजार में घूमते हुए गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी अब्दुल हनीफ इटावा के एकता नगर का रहने वाला है। उसने SBI LIFE INSURANCE ताराणी कॉलोनी ब्रांच देवास से एक करोड़ रुपए का बीमा 2019 में करवाया था। जिसकी 2 किस्ते भरने के बाद हनीफ ने बीमा क्लेम हड़पने के लिए अपनी ही मौत की साजिश रची। उसने डॉ.शाकिर मंसूरी से फर्जी कागजों पर साइन करवा लिए। जिसके बाद इन पेपर्स के आधार पर हनीफ के बेटे इकबाल ने नगर निगम में डेथ सर्टिफिकेट हासिल कर लिया।

अब इसके बाद हनीफ की पत्नी ने बीमा कंपनी में क्लेम के लिए आवेदन किया। एक करोड़ का बीमा और अर्ली क्लेम होने की वजह से कंपनी को शक हुआ जिसके बाद कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई। इसके बाद एक-एक करके फर्जीवाड़े की परतें खुलती गई। अब आरोपी हनीफ उसका सहयोगी डाक्टर गिरफ्तार कर लिए गए हैं। वहीं आरोपी की फरार पत्नी और बेटे की तलाश जारी है।