मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से विभाग वितरण में पेंच फंस गया है। कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और समर्थकों की मांग पूरी करने के चक्‍कर में बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता उपेक्षित हो गए हैं। इसके कारण क्षेत्रीय नेता असंतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। महाकौशल क्षेत्र की उपेक्षा पर पूर्व मंत्री विधायक अजय विश्‍नोई का दर्द फिर छलका है। अजय विश्नोई ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि पहले मंत्रियों की संख्या और अब विभागों का बंटवारा। मुझे डर है कहीं बीजेपी का आम कार्यकर्ता हमारे नेता की इतनी बेइज्जती से नाराज ना हो जाए।  





 



विश्‍नोई ने नाम नहीं लिया मगर उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी सचेत तो किया ही है। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने अजय विश्नोई के ट्वीट पर कमेंट किया है कि उन्होंने लिखा है कि पहले कांग्रेस का नुक़सान हुआ, अब नुकसान की बीजेपी की बारी है।  





सांसद तन्‍खा का इशारा ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की तरफ है। तन्‍खा भी मंत्रिमंडल में विंध्‍य और महाकोशल की उपेक्षा पर सवाल उठा चुके हैं। गौरतलब है कि इस बार जबलपुर से किसी को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इसे लेकर बीजेपी में तो असंतोष है ही कांग्रेस भी इस बात से नाराज थी कि महाकोशल से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है, सारे मंत्री ग्वालियर चंबल क्षेत्र से बने हैं।



अजय विश्‍नोई 6 जुलाई को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि मंत्री परिषद के निर्माण से जबलपुर और रीवा संभाग के नागरिकों में असंतोष है। उन्होंने कहा आपकी मजबूरी को मैं समझ सकता हूं, पर यह आमजन नहीं समझते।



उन्होंने लिखा था कि आप स्वयं जबलपुर रीवा जिले का प्रभार लें, जिससे लोगों की नाराजगी दूर होगी। उन्होंने बताया था कि इससे पूर्व भी दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए जबलपुर की प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने सिंधिया खेमे से बनाए गए मंत्रियों से आग्रह किया कि वे बिना विभाग के मंत्री बनें, जिससे वे अपने क्षेत्र में पर्याप्त रूप से कार्य कर पाएंगे।