धार के पीथमपुर पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हर्ष प्रताप सिंह ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 300 में से 300 नंबर हासिल किए हैं। इस साल पहले नंबर पर 15 छात्र हैं, इन्ही में से एक हैं हर्ष, जिन्हे पहला स्थान मिला है। हर्ष का कहना है कि उन्होंने केवल पढ़ाई पर फोकस किया। इंटरनेट, मोबाइल और टीवी से दूरी बनाई। पढ़ाई  के लिए पिता को घर में टीवी खरीदने से मना किया था। टीवी से दूरी बनाकर काफी फायदा हुआ।

एम्स दिल्ली से MBBS करने का है सपना

हर्ष प्रताप दिल्ली के एम्स से MBBS करना चाहते हैं। देश की सेवा डॉक्टर बनकर पूरा करना इनका सपना है। इनका कहना है कि दसवीं की शुरुआत से ही सोचा था कि कुछ यूनिक करना है। पिछली क्लासों में भी क्लास में अव्वल रहने वाले हर्ष का मोटिव था कि हर काम को बेहतर तरीके से किया जाए। जब इनके दोस्त खेलने या टीवी देखने में समय बिताते थे ये अपने सवालों को हल करने में उस वक्त का उपयोग करते थे।

कोरोना के कारण पेपर कैंसिल होने पर हुआ था दुख

हर्ष प्रताप का कहना है कि कोरोना के कारण पेपर कैंसिंल हुए तो थोड़ा दुख हुआ था। लेकिन अच्छा रिजल्ट आया तो अब बहुत खुशी हो रही है। इनके पिता दिलीप सिंह इंजीनियर हैं और मां सीमा देवी गृहणी हैं। एक छोटा भाई है जो 8 वीं का छात्र है। हर्ष का कहना है कि पढ़ाई में शिक्षकों और माता पिता ने हर कदम पर साथ दिया।

सोशल मीडिया से दूरी काम आई

हर्ष प्रताप सिंह का कहना है कि परीक्षा से पहले उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। केवल पढ़ने पर ध्यान दिया। हर विषय की पढ़ाई के लिए वक्त देते थे। पढ़ने के लिए सुबह का वक्त अच्छा लगता है इसलिए सुबह 4 बजे से पढ़ने बैठते थे। इन्हे गणित, विज्ञान और संस्कृत विषय में पूर्णांक मिले हैं। इनका कहना है कि रटने की बजाय किसी भी टॉपिक के कॉन्सेपट को समझने पर फोकस करते थे।