नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने पूर्व सांसद दीक्षित को रचनात्मक कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। दीक्षित की अगुवाई में यह मंच शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करेगा।

रचनात्मक कांग्रेस को पहले आउटरीच सेल के नाम से जाना जाता था, जिसे अब एक नए स्वरूप और विस्तृत भूमिका के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संदीप दीक्षित को तत्काल प्रभाव से रचनात्मक कांग्रेस, जिसे पहले आउटरीच सेल के नाम से जाना जाता था, का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

आदेश में आगे कहा गया है कि रचनात्मक कांग्रेस सिविल सोसायटी, डोमेन एक्सपर्ट्स, शिक्षाविदों, कार्यकर्ताओं और मुद्दा-आधारित समूहों के साथ जुड़ाव के लिए एक समर्पित मंच के रूप में कार्य करेगी। इसका प्राथमिक कार्य नीतिगत मामलों और सामाजिक सरोकारों की एक विस्तृत श्रृंखला पर सार्थक बातचीत की सुविधा प्रदान करना होगा, जिससे कांग्रेस पार्टी को विविध दृष्टिकोण और जमीनी स्तर की अंतर्दृष्टि से लाभ मिल सके।

माना जा रहा है कि यह नियुक्ति कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह देश के प्रबुद्ध वर्ग और सामाजिक संगठनों को फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश है। संदीप दीक्षित की छवि हमेशा से एक पढ़े-लिखे और गंभीर राजनेता की रही है। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि वह जमीन से जुड़े मुद्दों को बौद्धिक विमर्श के साथ जोड़ने में सफल होंगे।

यह इकाई पार्टी के लिए एक ब्रिज’ की तरह काम करेगी। संदीप दीक्षित के कंधों पर अब उन लोगों को कांग्रेस से जोड़ने का जिम्मा है जो सक्रिय राजनीति में तो नहीं हैं लेकिन समाज की राय बदलने की ताकत रखते हैं। इसका उद्देश्य पार्टी के घोषणापत्रों और नीतियों में विशेषज्ञों की राय शामिल करना भी है। इससे कांग्रेस को उन जमीनी फीडबैक का लाभ मिलेगा जो अक्सर मुख्यधारा की राजनीति में पीछे छूट जाते हैं।