भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 जनवरी को शिवराज कैबिनेट का विस्तार किए जाने की खबर है। इस विस्तार में सबकी नज़रें खास तौर पर इस बात पर रहेंगी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कितने और किन-किन करीबी विधायकों को शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल में जगह देते हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शपथ दिलाए जाने के आसार हैं। 

बताया जा रहा है कि राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। यह समारोह तीन तारीख को दिन में 12:30 बजे होने की संभावना बताई जा रही है। नए मंत्रियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शपथ दिलाएंगी। मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से गिराने के बाद एक बार फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उसके बाद से यह तीसरा अवसर होगा जब उनके मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।

ऐसा माना जा रहा है कि इस बार कैबिनेट विस्तार में सिंधिया के करीबियों की मंत्रिमंडल में वापसी हो सकती है। सिंधिया के साथ पाला बदलकर कांग्रेस से बीजेपी में आए दो करीबी नेताओं तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को चुनाव में देरी की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार कैबिनेट विस्तार के तहत दोनों की वापसी होनी है। जबकि सिंधिया के साथ दल-बदल करने वाले एदल सिंह कंसाना, इमरती देवी और गिरिराज उपचुनाव में हारकर कैबिनेट की होड़ से बाहर हो चुके हैं। 

शिवराज मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं तभी शुरू हो गई थीं, जब नवंबर-दिसंबर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीन बार शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। पहली मुलाकात 30 नवंबर को हुई। इसके बाद 11 दिसंबर और 26 दिसंबर को सिंधिया और शिवराज फिर से मिले। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। 

शिवराज कैबिनेट के विस्तार की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दोपहर करीब तीन बजे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक भी शपथ लेंगे। रफीक इस समय उड़ीसा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं और उन्हें मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस पद पर ट्रांसफर किया गया है।

मध्य प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को वोटिंग करवाई गई थी। इसके बाद 10 नवंबर को नतीजे आने के बाद से ही शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट होने लगी थी। उपचुनाव में बीजेपी ने 19 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस को 9 सीटों पर सफलता मिली। इसके चलते, बीजेपी की मध्य प्रदेश विधानसभा में संख्या बढ़कर 126 हो गई है। कांग्रेस के अब विधानसभा में 96 विधायक रह गए हैं। बीजेपी के 19 जीते हुए विधायक वही हैं, जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दल-बदल किया था