भोपाल। मध्य प्रदेश के कई जिलों में गाय सड़कों पर बैठ जाती है। साथ ही नेशनल हाईवे पर इनके बैठने से कार, ट्रक ड्राइवर्स को स्पीड धीमी करनी पड़ती है और कई बार गायें हादसों का शिकार भी होती है। सरकार प्रदेश से 40 लाख गायें को हटाएगी इसके लिए नई पॉलिसी लाई है। जिसमें हर जिलें में स्वावलंबी गौशालाएं बनाई जाएंगी।

सरकार ने 8 अप्रैल 2025 को कैबिनेट में स्वावलंबी गोशालाओं की नीति को मंजूरी दी है। इसका नाम "कामधेनु निवास" रखा गया है। नई पॉलिसी के अनुसार, एक गोशाला में 5 हज़ार गायें रखना अनिवार्य है। इनमें 30 फीसदी गाय या गोवंश उन्नत दुधारू नस्ल के हो सकेंगे। दरअसल भोपाल-जबलपुर नेशनल हाइवे पर मंडीदीप का पुल क्रॉस करते ही गायों का जमावड़ा लग जाता है, गायों को बचाने के लिए ड्राइवर्स को कार धीमी करनी पड़ती है। 

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राजगढ़ में तेज रफ्तार गाड़ियों ने गायें को कुचल दिया था, तो वहीं छतरपुर में गायों के कारण सड़क दुर्घटना हुई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। सरकार गौशालाओं के संचालन के लिए 125 एकड़ सरकारी जमीन देगी। जिनमें प्रति गाय 40 रुपए की दर से प्रतिदिन अनुदान दिया जाएगा। गोपालक संस्था गौशाला निर्माण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।