भोपाल। महाराष्ट्र, पंजाब और केरल में कोरोना की तीसरी लहर के चलते अब मध्यप्रदेश में भी कोरोना को लेकर सख्ती बरती जा रही है। सरकार ने भोपाल और इंदौर में मास्क अनिवार्य करने का आदेश दे दिया है। लेकिन आम लोगों को इन नियमों और गाइडलाइन के पालन की हिदायत देने वाली सरकार के मंत्री और विधायक खुद ही इन आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, मास्क नहीं लगाने के बारे में टोके जाने पर अपनी गलती मानने की बजाय अजीबोगरीब दलीलें दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर और बीएसपी विधायक बिना मास्क के विधान सभा पहुंचीं। मीडिया द्वारा मास्क नहीं लगाने की वजह पूछने पर ऊषा ठाकुर ने कहा कि जो लोग वैदिक जीवन जीते हैं, योग, प्रणायाम करते हैं, सप्तशती का पाठ करते हैं, उन्हें कोरोना का कोई डर नहीं है। ऊषा ठाकुर का कहना है कि वे रोजाना हनुमान चालीसा और सप्तशती का पाठ करती हैं, शंख बजाती हैं। गोबर के कंडे पर हवन करती हैं। रोजाना काढ़ा पीती हैं। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है। लिहाजा उन्हें कोरोना होने का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि वैदिक जीवन पद्धति अपनाने की वजह से कोई रोग व्याधि उन्हें छू भी नहीं पाएगी।

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बजट सत्र में शामिल होने विधानसभा पहुंचीं बीएसपी विधायक रामबाई ने तो हद ही कर दी। उन्होंने कहा कि मास्क पहनने से उन्हें उबकाई आती है, उल्टियां होती हैं, इसलिए वे मास्क नहीं पहनतीं। उनका कहना है कि जिसके पास हिम्मत होती है, वही कुछ कर सकता है। मास्क नहीं पहनने पर जो जुर्माना लगेगा, वह भर देंगी लेकिन मास्क नहीं लगाएंगी, मास्क लगाने से उन्हें घबराहट होती है।

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते केसेज की वजह से मध्य प्रदेश के बालाघाट  में भी सख्ती की जा रही है। प्रशासन ने बालाघाट में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगा दी है। शहर में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है। महाराष्ट्र से आने वालों पर नजर रखने और टेस्ट कराने की अपील की गई है।