भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और प्रदेश में तीन चरणों में मतदान होना प्रस्तावित है। मतदान से पहले प्रदेश की कुछ पंचायतें चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा का कारण है सरपंच, जनपद सदस्य का चुनाव। गौर करने वाली बात ये है कि इन पंचायतों में सरपंच, जनपद सदस्य के लिए जनता ने मतदान नही किया है बल्कि भगवान ने कही सरपंच तो कही जनपद सदस्य को चुना है। 

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की ग्राम पंचायत कुडाना में सरपंच का चुनाव भगवान श्री कृष्ण ने किया है। ग्राम पंचायत कुडाना में सरपंच पद के लिए 6 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। ग्रामीणों ने फैसला किया कि पहली बार गांव में निर्विरोध सरपंच चुना जाएगा। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से सरपंच पद के सभी प्रत्याशियों को भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में इकट्ठा किया और सभी 6 प्रत्याशियों के नाम से पर्चियां बनाकर 3 वर्षीय बालिका से एक पर्ची उठवाई गई। बच्ची ने जिस पर्ची को उठाया उस पर सीताबाई प्रेमनारायण सौराष्ट्रीय का नाम लिखा हुआ था। जिसके बाद सभी ग्रामपंचायत वासियों ने सीताबाई को अपना सरपंच मान लिया और बाकि प्रत्याशियों ने तहसील कार्यालय जाकर नामांकन पत्र वापिस ले लिया।

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ऐसे ही एक अन्य मामले में भगवान बजरंगबली ने भोपाल की फंदा जनपद पंचायत में एक जनपद सदस्य चुना है। दरअसल भोपाल की फंदा जनपद पंचायत के वार्ड नं 12 से बावडिया गांव के लाल सिंह गुर्जर, जमुनिया गांव के नरेंद्र मीना और डंगरोली गांव के राकेश मीणा ने नामांकन पत्र दाखिल किए। यहाँ भी ग्रामीणों ने फैसला किया कि जनपद सदस्य का चुनाव निर्विरोध किया जाएगा। सभी की सर्वसम्मति से तीनों प्रत्याशी बासियां गांव के हनुमान मंदिर में इकट्ठा हुए और तीनों प्रत्याशियों के नाम की पर्चियां बनाकर बच्ची से एक पर्ची उठवाई गई। बच्ची ने जिस पर्ची को उठाया उस पर लाल सिंह गुर्जर का नाम लिखा था। जिसके बाद सभी प्रत्याशियों, ग्रामीणों ने इस फैसले को मान लिया।