इंदौर। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने में मु्ख्य भूमिका किसी और ने नहीं, खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निभाई थी। ये बात कांग्रेस से किसी नेता ने नहीं, खुद बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कही है। वो भी सरेआम किसान सम्मेलन के मंच से। कांग्रेस ने कहा है कि विजयवर्गीय का यह बयान न सिर्फ उन आरोपों की पुष्टि करता है जो पार्टी शुरू से लगाती रही है, बल्कि यह भी साबित करता है कि किस तरह ख़ुद देश के प्रधानमंत्री चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम करते हैं।



दरअसल, बीजेपी ने बुधवार को इंदौर में किसान सम्मेलन का आयोजन मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों का समर्थन करने के इरादे से किया था। उसमें बीजेपी नेताओं को बताना था कि मोदी सरकार किसानों को फसल का सही दाम दिलवाने के लिए क्या कर रही है। लेकिन विजयवर्गीय सम्मेलन के मंच से ये खुलासा कर बैठे कि दरअसल उनके सर्वोच्च नेता विरोधी दलों की सरकारें गिराकर अपनी सत्ता की फसल कैसे उगाते हैं। 



इंदौर में किसान सम्मेलन में दिए अपने विवादित भाषण में कैलाश विजयवर्गीय ने साफ शब्दों में कहा, “आप किसी को बताना मत, मैंने आज तक किसी को नहीं बताया, पहली बार इस मंच से बता रहा हूँ कि कमलनाथ जी की सरकार गिराने में यदि महत्वपूर्ण भूमिका किसी की थी, तो वो नरेंद्र मोदी जी की थी, धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं।” कैलाश विजय वर्गीय ने जब ये बात कही उस वक़्त केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मंच पर ही मौजूद थे।



मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय ख़ुद अपने मुँह से कह रहे हैं कि कमलनाथ सरकार गिराने में मुख्य भूमिका नरेन्द्र मोदी जी की थी। कांग्रेस तो शुरू से ही यह कह रही है लेकिन भाजपा सरकार गिरने के पीछे कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को ज़िम्मेदार बताकर झूठ बोलती आयी है लेकिन आज सच ज़ुबान पर आ ही गया।



 





 



सलूजा ने एक और ट्वीट में कैलाश विजयवर्गीय के विवादित भाषण का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस की चुनी हुई संवैधानिक सरकारों को असंवैधानिक तरीक़े से गिराते हैं। यह ख़ुद भाजपा के ही राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कह रहे हैं। एमपी की कमलनाथ सरकार को मोदी जी ने ही प्रमुख भूमिका निभा गिराया। कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि...”



हालाँकि इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद जब बीजेपी महासचिव से इस बारे में पूछा गया तो दैनिक भास्कर के मुताबिक कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वहां मौजूद लोगों को पता है कि यह विशुद्ध रूप से मज़ाक था। यह बात मैंने हल्के-फुल्के मज़ाकिया लहजे में ही कही थी।