सागर। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री गोपाल भार्गव के प्रोटोकॉल में उल्लंघन करना दो अफसरों को भारी पड़ गया। आरोप है कि सर्किट हाउस के बाहर रिसीव करने नहीं आने के कारण भार्गव को इन अफसरों पर गुस्सा आ गया। गुस्सा इतना तेज़ था कि दोनों अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया। भार्गव का कहना है कि वह बीजेपी के सीनियर लीडर होने के बाद भी घमंड नहीं करते लेकिन अधिकारियों को प्रोटोकॉल का तो ध्यान रखना चाहिए।

दरअसल, गोपाल भार्गव 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर सागर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। सुबह ध्वजारोहण करना था इसलिए वह एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को रात 10 बजे ही सागर के सर्किट हाउस पहुंच गए। लेकिन इस दौरान सर्किट हाउस के बाहर माननीय मंत्री जी को रिसीव करने के लिए कोई अधिकारी रैंक का व्यक्ति नहीं आया। फिर क्या था गोपाल भार्गव का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा और वह तमतमाते हुए अपने गृहनगर गढ़ाकोटा चले गए।

हालांकि अगले दिन सुबह वे तय समय पर ध्वजारोहण करने पीटीसी ग्राउंड पहुंचे और परेड की सलामी भी ली। लेकिन उनका गुस्सा बरकरार रखा। भार्गव से इस बारे में जब मीडिया ने पूछा तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि हो सकता है जिला प्रशासन के अफसर गणतंत्र दिवस के तैयारियों में पुताई कार्य मे व्यस्त रहे हों। या शायद दिन भर काम करने की वजह से रात में आंख जल्दी लग गई हो।' 

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भार्गव ने यह भी कहा कि वे मध्य प्रदेश बीजेपी के सबसे सीनियर लीडर हैं, लेकिन इस बात का उन्हें कभी भी घमंड नहीं रहा। फिर भी अफसरों को अपनी जिम्मेदारी तो समझनी चाहिए। जानकारी के मुताबिक भार्गव के सागर आगमन की सूचना दोपहर में ही कलेक्टर कार्यालय को दे दी गई थी। सागर के कलेक्टर ने भार्गव को रिसीव करने की जिम्मेदारी अनुविभागीय अधिकारी (SDO) जेएम तिवारी और कार्यपालन यंत्री (EE) हरिशंकर जायसवाल को दी थी। भार्गव की नाराजगी को देखते हुए लोकनिर्माण विभाग ने गुरुवार को मंत्री के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में जेएम तिवारी और हरिशंकर जायसवाल को निलंबित कर दिया। विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक दोनों इंजीनियरों को पीडब्ल्यूडी मुख्यालय भोपाल में अटैच किया गया है।