बीजेपी युवा मोर्चे के नेता पर लगा गो तस्करी का आरोप, 138 मवेशियों को कत्लखाने भेजने के आरोप में FIR दर्ज

मध्य प्रदेश से नागपुर कत्लखाने भेजे जा रहे थे सभी मवेशी, पुलिस ने दर्ज FIR, कांग्रेस बोली, क्या यही है बीजेपी की गौ-सेवा

Updated: Jan 28, 2021, 06:37 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
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बालाघाट। मध्यप्रदेश में अवैध शराब के गोरखधंधे के बाद अब गौ-तस्करी में भी बीजेपी नेताओं का नाम सामने आने लगा है। बीजेपी युवा मोर्चा का नेता मनोज पारधी गौ-तस्करी के आरोप में पकड़ा गया है। पुलिस ने एक दो नहीं बल्कि 138 मवेशियों को भी जब्त किया है जिन्हें बीजेपी नेता नागपुर के कत्ल खाने में भेज रहा था।

मामले पर विपक्ष ने राज्य सरकार और बीजेपी के ऊपर कड़ा हमला किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, 'बीजेपी का महामंत्री गोतस्करी करते पकड़ाया, —138 मवेशी कत्लखाने ले जा रहे थे; बालाघाट पुलिस ने गौ तस्करों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बीजेपी के महामंत्री मनोज पारधी को पकड़ा और 138 मवेशियों को कत्लखाने जाने से रोका। शिवराज जी, यही है बीजेपी की गौसेवा..?'

दरअसल, बीते 24-25 जनवरी की दरमियानी रात बालाघाट जिले के लालबर्रा पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग बेलगांव और बकोड़ा नहर के पास, कुछ व्यक्ति मऊ चांगोटोला बाजार के समीप शराब पीकर मवेशियों को रस्सी से गाथा बांधकर क्रूरता से पीटते हुए हांक रहे हैं। सूचना पाकर पुलिस ने सभी जगहों पर जाकर घेराबंदी की तो कुल 138 मवेशी मिलें। क्रूरता से हांके जाने की वजह से इनमें से एक कि पैर टूट चुकी थी और कुछ अन्य चोटिल थे।

पुलिस ने जब पूछताछ किया तो वे मवेशियों के खरीद-बिक्री के रसीद या उनकी मेडिकल रिपोर्ट नहीं दिखा पाए। इससे पुलिस को शंका हुई और पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब उनसे कड़ाई से पूछताछ शुरू की तब उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि सभी मवेशियों को नागपुर के कत्लखाने भेजा जा रहा था। पूछताछ के दौरान यह जानकारी भी सामने आई कि इस कार्य के पीछे सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता का हाथ है।

इसमें मऊ बैल बाजार से ठेकेदार पांढरवानी, उप ग्राम प्रधान अरविंद पाठक एवं भाजपा युवा मोर्चा जिला महामंत्री मनोज पारधी शामिल थे। मामले में पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किए गए 10 लोगों समेत 10 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 429, 4, 6, 9 मप्र गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम, मध्य प्रदेश पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, मप्र कृषक परीक्षण अधिनियम और एमवी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।