उज्जैन। बाबा महाकाल मंदिर प्रांगण में परमार कालीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। दावा किया जा रहा है कि ये अवशेष करीब एक हज़ार साल पुराने हो सकते हैं। इनदिनों महाकाल मंदिर के विस्तार का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मंदिर परिसर के आसपास खुदाई हो रही है। इसी खुदाई के दौरान करीब 20 फीट नीचे दीवार और चट्टानें नजर आई हैं। जिसके बाद फिलहाल खुदाई का काम रोक दिया गया है।

इन अवशेषों पर दर्ज नक्काशी को परमार कालीन बताया जा रहा है। विक्रम यूनिवर्सिटी के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राम कुमार अहिरवार का कहना कि यह करीब 1000 साल पुराना हो सकता है।

इन दिनों महाकाल मंदिर के आसपास का अतिक्रमण हटाकर मंदिर क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। फिलहाल उज्जैन विकास प्राधिकरण ने खुदाई का काम रोक दिया है। इन अवशेषों की सफाई के बाद इनपर रिसर्च किया जाएगा।

महाकाल मंदिर के ज्योतिषाचार्य दावा कर रहे हैं कि ये अवशेष महाकाल मंदिर के ही हैं। आनंद शंकर व्यास का अनुमान है कि यह महाकाल मंदिर का ही भाग हो सकता है। उनका कहना है कि मराठा शासकों ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था, शायद उसी दौरान मंदिर का प्राचीनतम हिस्सा दबा रह गया होगा।