भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में इस समय बजट सत्र चल रहा है। कोरोना के खर्चे को लेकर राज्य सरकार ने जो जानकारियां दी है, उन जानकारियों के सामने आने के बाद कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेर लिया है। विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने विपक्ष के सवाल पर जवाब दिया कि प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए राज्य सरकार ने निजी अस्पताल को 173 करोड़ रुपए दिए।निजी अस्पतालों को दिए गए 173 करोड़ रुपए का 70 फीसदी हिस्सा भोपाल के चिरायु और इंदौर के अरविंदो अस्पताल को दिए गए, चिरायु को 70 करोड़ तो अरविंदो को राज्य सरकार ने 55 करोड़ रुपए दिए। 

चिरायु और अरविंदो को राशि मुहैया कराने के बाद बची लगभग 50 करोड़ की राशि बाकी 6 निजी अस्तपालों में बांटे गए। इस लिस्ट में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, अमलतास आर्डी गार्डी, एलएन मेडिकल कॉलेज, राशि इंडेक्स जैसे अस्पतालों के नाम शामिल हैं। इन अस्पतालों में 28,964 मरीज़ कोरोना के इलाज के लिए आए थे। गणित बैठाने पर पता चलता है कि सरकार ने प्रत्येक मरीज़ पर कोरोना के इलाज के लिए 61 हज़ार रुपए खर्च किए।इतना ही नहीं राज्य सरकार ने 30 करोड़ के चित्रकूट काढ़े की पैकिंग में ही आठ करोड़ लगा दिए। 

विधानसभा में सरकार द्वारा जानकारी पेश किए जाने के बाद अब कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि आपदा तो जनता के लिए आई, सरकार ने इसमें अपने लिए अवसर तलाश लिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना काल में जनता इलाज के लिए भटकती रही, लेकिन सरकार अपने चहेतों को रेवड़ियां बांटने में लगी रही। कुणाल चौधरी ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने व्यापम काण्ड के दो कर्ताधर्ताओं चिरायु और अरविंदो को 70 फीसदी राशि बांट दी गई। 

वहीं नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पैसा जनता के लिए खर्च हुआ है, ज़रूरत पड़ी तो आगे भी खर्च करेंगे। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए उसके नेता ऐसा बयान दे रहे हैं।