जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में डेढ़ साल की मासूम दीपाली की ऐसी दर्दनाक मौत हुई, जिसे जानकर किसी का भी दिल दहल जाएगा। नन्हीं दीपाली पर आवारा कुत्तों के झुंड ने उस वक्त भयानक हमला कर दिया, जब वो अपने घर के बाहर खेल रही थी। कुत्तों के हमले में बुरी तरह ज़ख्मी हो चुकी बच्ची की जान बचाने की डॉक्टरों ने काफी कोशिश की। ऑपरेशन भी किया। लेकिन दो दिन तक मौत से जंग लड़ने के बाद नन्ही दीपाली ने आखिरकार दम तोड़ दिया।

जिस वक्त दीपाली पर खूंख्वार कुत्तों ने हमला किया, उसके पिता सुशील मजदूरी करने गए थे। मां और बड़ा भाई घर के भीतर थे। बच्ची खेलते-खेलते घर के बाहर पहुंच गई। तभी उसे वहां आवारा कुत्तों ने घेरकर हमला कर दिया। बच्ची की चीख पुकार सुनकर मां बाहर आईं और लहू लुहान बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। दो दिन तक उसका इलाज किया गया, लेकिन बच्ची इतनी बुरी तरह जख्मी हुई थी कि ऑपरेशन के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। मासूम बच्ची की इस दर्दनाक मौत से पूरे इलाके में मातम पसर गया है।

बच्ची के परिजनों का आरोप है कि नगर निगम की अनदेखी की वजह से यहां आवारा कुत्तों की तादाद बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि दूसरे इलाकों से आवारा कुत्तों को यहां लाकर छोड़ा जा रहा है। कठौंदा इलाके में मरे हुए पशुओं का चमड़ा उतारने का काम भी होता है, जिसके कारण कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि ये आवरा कुत्ते बेहद खूंख्वार हो गए हैं। किसी पर भी हमला कर देते हैं। इलाके में कुत्तों के आतंक की शिकायत कई बार नगर निगम से भी की जा चुकी है। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। लोगों का आरोप है कि नगर निगम के लोग दिखाने के लिए कुत्तों को पकड़कर ले जाते हैं। लेकिन बाद में उन्हें फिर वहीं लाकर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में आवारा कुत्ते लोगों की जान के दुश्मन बन गए हैं। छोटे बच्चों के लिए ये आवारा कुत्ते कितने खतरनाक हो सकते हैं, मासूम दीपाली की खौफनाक मौत इसका सबसे बड़ा सबूत है।