ग्वालियर। 29 अक्टूबर को ग्वालियर में एक ठेकेदार ने आत्महदाह कर लिया। ठेकेदार महेश परमार की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि परमार ने खुदकुशी इसलिए की, क्योंकि बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल उनका बकाया पैसे नहीं दे रहे थे और उन्हें प्रताड़ित भी कर रहे थे। परमार की मौत के बाद उनके परिजन शव को थाटीपुर थाने के बाहर लेकर आए और थाने के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। परिजनों ने प्रशासन के ऊपर बीजेपी प्रवक्ता के दबाव में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। जिसके बाद कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया और कुछ अन्य कांग्रेस नेता भी मृतक के परिजनों के समर्थन में आ गए। आखिरकार पुलिस ने मंगलवार देर रात बीजेपी नेता आशीष अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

क्या है मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार महेश परमार ने बीजेपी प्रवक्ता की एचजी कंस्ट्रक्शन कंपनी की बड़ा गांव में बन रही टाउनशिप में टाइल्स लगाने का काम किया था। महेश परमार को 12 लाख 69 हज़ार रुपए कम्पनी के मालिक आशीष अग्रवाल से लेने थे। लेकिन कंपनी काफी दिनों से महेश परमार को बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रही थी। 

29 अक्टूबर को महेश परमार आखिरकार मुराद नदी के पास बने ऑफिस पहुंचा। लेकिन कंपनी में मौजूद लोगों ने उसे राशि की भुगतान करने के बजाय उसे जलील किया। उसे बाद में पैसा देने की बात कह कर उसे भगा डाला। जिसके बाद परेशान हो कर महेश ने आखिरकार कंपनी के ऑफिस के बाहर ही मिट्टी तेल डाल कर खुद को आग के हवाले कर दिया। हालांकि वहां पर मौजूद लोगों ने पानी डाल कर आग को बुझा दिया और आनन फानन में उसे बिरला अस्पताल में भर्ती किया गया। 

हालत बिगड़ने के बाद महेश परमार को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया। लेकिन महेश परमार की ज़िंदगी बच नहीं सकी। महेश परमार की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजन महेश परमार का शव लेकर थाटीपुर थाने पहुंच गए। उनका आरोप है कि पुलिस शिकायत करने के बावजूद राजनीतिक दबाव की वजह से बीजेपी प्रवक्ता के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रही थी। ऐसे में परिजन थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए। कांग्रेस नेताओं ने परिजनों का समर्थन किया, जिसके बाद आखिरकार मंगलवार देर रात पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। 

हालांकि थाटीपुर थाने के टीआई ने पुलिस का पक्ष रखते हुए कहा कि हमने मृतक का बयान लिया ,था लेकिन हमें कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई थी। उधर आरोपी बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि इस पूरे मामले में उनका कोई लेना देना नहीं है। आशीष अग्रवाल तो बकाया राशि होने से भी साफ इनकार कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि उनकी कम्पनी पर मृतक महेश परमार का कोई बकाया नहीं है।