नई दिल्ली/भोपाल। हिन्दू देवी देवताओं और गृह मंत्री अमित शाह के कथित अपमान के आरोपी स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने आज अंतरिम ज़मानत दे दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है। कोर्ट ने फारूकी के खिलाफ प्रयागराज पुलिस द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट पर भी स्टे लगा दिया है। पिछले एक महीने से जेल की सलाखों के पीछे बंद मुनव्वर फारूकी की ज़मानत याचिका पर आज जस्टिस नरीमन और जस्टिस बीआर गवई ने सुनवाई की।

गुजरात के रहने वाले मुनव्वर फारूकी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा अपनी ज़मानत याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मुनव्वर की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में फारूकी ने अपने खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में दर्ज मामलों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की थी। 

1 जनवरी को इंदौर के एक कैफे में कॉमेडी शो का आयोजन किया गया था। शो में परफॉर्मेंस दे रहे स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के ऊपर स्थानीय बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ की शिकायत के बाद पुलिस ने फारूकी को गिरफ्तार किया था। एकलव्य गौड़ ने शिकायत की थी फारूकी ने अपने शो में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और देवी देवताओं का अपमान किया है।

लेकिन इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह निकल कर सामने आई है कि पुलिस को फारूकी के खिलाफ एक भी ऐसा वीडियो नहीं मिला है, जिसमें इस बात की पुष्टि हो कि फारूकी ने वास्तव में किसी का अपमान किया है। शो में मौजूद कई लोग सोशल मीडिया पर भी यह बात कह चुके हैं कि फारूकी ने शो के दौरान किसी का अपमान नहीं किया था। लेकिन इस बीच इंदौर की सीजेएम कोर्ट और मध्यप्रदेश हाई कोर्ट फारूकी की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया था।